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अस्थाई मंदिर में विराजमान होने से पहले वैदिक आचार्य श्रीरामलला से करेंगे प्रार्थना

अस्थाई मंदिर में विराजमान होने से पहले वैदिक आचार्य श्रीरामलला से करेंगे प्रार्थना

अस्थाई मंदिर में विराजमान होने से पहले वैदिक आचार्य श्रीरामलला से करेंगे प्रार्थना  
अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण का कार्य शुरू होने से पहले 22 मार्च से रामलला को अस्थाई मंदिर में चलने के लिए वैदिक आचार्य प्रार्थना की जाएगी। 25 तारीख को अलसुबह अस्थाई रूप से आराध्य विराजमान होंगे। फिर 27 तारीख तक पारायण पाठ चलेगा। श्रीराम वेद विद्यालय के प्रधानाचार्य आचार्य इंद्रदेव मिश्र ने रामलला को अस्थाई मंदिर में विराजमान करने की पूरी पद्धति बताई। इंद्रदेव ने बताया कि भगवान राम की मूर्ति को चल प्रतिष्ठा मानकर चारों वेदों के मंत्रों से सस्वर परायण करते हुए विभिन्न प्रकार की पूजन पद्धति से एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाया जाएगा। इसके लिए दिल्ली से डॉ. कीर्तिकांत शर्मा और वेद मूर्ति आचार्य चंद्रभानु शर्मा सहित दर्जनों बैदिक विद्वान मौजूद होंगे। उन्होंने कोरोना वायरस के कारण काशी से आ रहे विद्वानों के कार्यक्रम पर शंका जाहिर की है। उन्होंने बताया कि 22 तारीख को उदम शांति पाठ का कार्यक्रम है। जहां पर रामलला को विराजमान होना है। वहां 1 दिन का कार्यक्रम होगा।
23 और 24 तारीख को भगवान राम के पास में वेद परायण, रामरक्षा स्त्रोत और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ किया जाएगा और भगवान से प्रार्थना की जाएगी कि वह इस स्थान से चलकर कुछ दिन के लिए नए स्थान पर विराजमान हो। उन्होंने बताया 25, 26 और 27 को एक और अनुष्ठान आयोजित किया जा रहा है, जिसमें अधिकांश विद्वान स्थानीय होंगे। इसकी पूर्णाहुति वर्ष प्रतिपदा द्वितीय और तृतीय को की जाएगी। जिस स्थान पर रामलला को विराजमान किया जाएगा उस स्थान की जागृति के निमित्त भी पारायण चलेगा। आचार्य दुर्गा प्रसाद गौतम के मुताबिक जिन आचार्यों की उपस्थिति इस कार्यक्रम में नहीं हो पा रही है उन्हें आगे होने वाले अति विशिष्ट महायज्ञ पर बुलाया जाएगा। 

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