देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में चारों तरफ सन्नाटा
कोरोना वायरस के कारण देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 1 हफ्ते से मायूसी छाई हुई है।यातायात कम हो गया है।सड़कों पर बहुत कम भीड़ देखने को मिल रही है। कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए बोला गया है। मुंबई के सभी माल बंद कर दिए गए हैं। यहां तक की सड़क पर सामान बेचने वाले वेंडर और खोमचे वाले भी गायब हो गए हैं जो मुंबई कभी सोती नहीं थी उसमें इस तरीके का सन्नाटा देखकर भय का वातावरण बन गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश की जनता से जनता कर्फ्यू का जो आह्वान किया है। उसके पहले ही मुंबई की रफ्तार जैसे थम गई है। ज्यादातर दुकानें बंद है। जो खुली हैं उनमें ग्राहक नहीं है। महाराष्ट्र सरकार ने कुछ जरूरी सामान की बिक्री वाली दुकानों को छोड़कर शेष सभी कारोबारियों को 31 मार्च तक अपने कारोबार बंद करने के लिए कहा है। उसके बाद से स्थिति और गड़बड़ा गई है। मुंबई से बड़ी संख्या में लोग अपने-अपने प्रदेशों में वापस जा रहे हैं। जिसके कारण रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ जमा हो गई हैं। रेलवे स्पेशल ट्रेन चलाकर मुसाफिरों को उनके गंतव्य स्थान तक भेजने के लिए प्रयास कर रहा है।
पहली बार मुंबई में इस तरीके के हालात बने हैं कि कर्फ्यू नहीं होते हुए भी अब कई स्थानों पर कर्फ्यू जैसे हालत दिख रहे हैं। आर्थिक गतिविधियां लगभग बंद हो गई हैं। बाहर से आए लोग जो यहां पर मजदूरी करते थे या छोटे-छोटे धंधे करते थे खोमचे लगाते थे वह सड़कों से गायब हो गए हैं। जिसके कारण मुंबई बेरौनक हो गई हैं। वहीं लाखों लोगों के रोजाना जीवन यापन के लिए भी भारी संकट उत्पन्न हो गया है।
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