भाजपा ने केंद्रीय मंत्री एसएस अहलुवालिया को दार्जलिंग सीट से बाहर कर दिया है अब उनकी सीट से राजू सिंह बिष्ट को उम्मीदवार बनाया गया है। 2014 के बता दें कि लोकसभा चुनाव में अहलुवालिया तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के उम्मीदवार बाइचुंग भूटिया को हराकर दार्जलिंग से सांसद बने थे। टिकट काटे जाने के बाद उनका दर्द छलका और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पार्टी किसी दूसरे सीट से उम्मीदवार बनाएगी। टिकट काटे जाने को लेकर अहलुवालिया ने एक बयान में कहा, ''मैंने गठबंधन धर्म को ध्यान में रखते हुए और पार्टी के फायदे के लिए दार्जलिंग की सीट छोड़ दी। इस संबंध में मैंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को सूचना दी थी।'' उन्होंने कहा, ''मैं दार्जलिंग सीट को छोड़कर किसी दूसरी किसी सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं। जिससे की 17वीं लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को और मजबूत कर सकूं।
दरअसल, जीजेएमएम (गुरुंग गुट) और जीएनएलएफ ने भाजपा को बता दिया था कि वे अहलुवालिया के पक्ष में नहीं है। जिसके बाद पार्टी ने अहलुवालिया को टिकट नहीं दिया। भाजपा ने एक बयान में कहा कि उसे दो स्थानीय संगठनों गोरखा जनमुक्ति मोर्चा और गोरखा लिबरेशन फ्रंट का भी समर्थन मिला है। इसमें कहा गया कि दो गोरखा संगठनों के नेताओं ने यहां बीजेपी महासचिव और पार्टी के पश्चिम बंगाल मामलों के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात की। बयान में बिष्ट को युवा पार्टी नेता बताया गया है। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, राजू सिंह बिष्ट दार्जिलिंग सीट से भाजपा के उम्मीदवार होंगे। एसएस अहलूवालिया ने अमित शाह को लिखे पत्र में दार्जिलिंग से चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई है। वह पश्चिम बंगाल में किसी अन्य सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।'' पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गोरखा नेतृत्व के एक वर्ग का समर्थन हासिल किया है और वह इस सीट को भाजपा से वापस लेने की कोशिश में जुटी हैं। बीजेपी इन गोरखा पार्टियों की मदद से यह सीट जीतती रही है। बीजेपी नेता जसवंत सिंह ने 2009 में और अहलुवालिया ने 2014 में यह सीट जीती थी।
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गठबंधन दलों की नाराजगी मिटाने भाजपा ने अहलुवालिया का टिकट काटा - मंत्री ने कहा किसी दूसरे सीट से दें टिकट