सही डाइजेशन के लिये खाना चाहिए स्प्राउट्स
स्प्राउट्स डाइजेशन को बेहतर करने और आंत संबंधी गैस से छुटकारा दिलाने में बेहद कारगर माना जाता है। इसके अलावा स्प्राउट्स कैंसर पैदा करने वाले सेल्स से भी शरीर को सुरक्षित रखता है। दरअसल स्प्राउट्स में ग्लूकोराफैनिन नाम का एंजाइम पाया जाता है जो कैंसर पैदा करने वाले सेल्स से लड़ता है। साथ ही शरीर में ऑक्सिजन के लेवल को बढ़ाकर यह शरीर को डीटॉक्सिफाई करने में भी मदद करता है। इसके अलावा स्प्राउट्स में लिविंग एंजाइम्स पाए जाते हैं जो खाने को असरदार तरीके से छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ देता है जिससे शरीर द्वारा पोषक तत्वों को सोखने की प्रक्रिया तेज हो जाती है और डाइजेशन आसान होता है। ओमेगा-3 फैटी ऐसिड से भरपूर स्प्राउट्स कार्डियोवस्क्युलर सिस्टम के स्ट्रेस को कम करता है। साथ ही अगर स्प्राउट्स को सुबह-सुबह खाया जाए तो यह शरीर में गुड कलेस्ट्रॉल लेवल को भी बढ़ाता है जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों से सुरक्षित रहते हैं। साथ ही स्प्राउट्स बढ़ती उम्र और बुढ़ापे को रोकने में स्प्राउट्स मदद करते हैं। स्प्राउट्स में ऐक्टिव ऐंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं तो प्रीमच्योर एजिंग यानी समय से पहले बुढ़ापे को रोकता है। स्प्राउट्स में विटमिन सी भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो वाइट ब्लड सेल्स स्फूर्तिदायक बनाने का काम करता है। स्प्राउट्स फाइबर से भरपूर होता है और इसमें कैलरीज बेहद कम होती हैं जिससे स्प्राउट्स खाने के बाद पेट काफी लंबे समय तक भरा हुआ महसूस होता है। स्प्राउट्स में मौजूद ऐंटीऑक्सिडेंट्स आंखों की सेल्स को फ्री रैडिकल्स से सुरक्षित रखते हैं और इसमें मौजूद विटमिन ए आई साइट यानी आंखों की रोशनी को तेज करता है। वैसे तो स्प्राउट्स को कच्चा खाना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है, लेकिन अकैडमी ऑफ न्यूट्रिशन ऐंड डायटेटिक्स की एक रिसर्च के अनुसार स्प्राउट्स को अंकुरित करते समय इसमें रहने वाली नमी से साल्मोनेला, ई.कोलाई और लिस्टेरिया जैसे बैक्टीरिया पैदा हो सकते हैं जिनसे कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं।
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सही डाइजेशन के लिये खाना चाहिए स्प्राउट्स