ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय के शोधकर्ता का कहना है कि दालचीनी के तेल में पाया जाने वाला एक घटक सिन्मेल्डिहाइड सबसे प्रभावी एंटीबायोटिक्स का प्रतिरोध करने वाले जीवाणुओं के विकास को रोककर सुपरबग या सुपर बैक्टीरिया से लड़ने में मदद कर सकता है। शोधकर्ताओं की माने तो स्विनबर्न विश्वविद्यालय के चिकित्सक संजीदा हालिम टोपा ने ज्यादातर वायरल संक्रमण के प्रतिरोधी होने के साथ पाया कि सिन्मेल्डिहाइड को पुरानी बॉयोफिल्म सुपरबग्स (बॉयोफिल्म मीडिएटेड सुपरबग्स) के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स का विकल्प विकसित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। सिन्मेल्डिहाइड, दालचीनी के विशेष स्वाद के लिए जिम्मेदार है। टोपा ने कहा कि हालांकि पहले के बहुत से शोध में दालचीनी के तेल की सूक्ष्मजीव निवारक होने की बात कही गई है, लेकिन इसका फामार्श्युटिकल उद्योग में व्यापक इस्तेमाल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य इस तेल की आणविक गतिविधि की खोज करना है, जो इसके प्रमुख घटक सिन्मेल्डिहाइड पर केंद्रित है। यही यौगिक दालचीनी को स्वादयुक्त बनाता है। पुराने जीवाणु संक्रमणों के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स के विकल्पों को विकसित करने की शीघ्र जरूरत है। टोपा जीवाणु को मारने के बजाय बायोफिल्म को बनने से रोकने के लिए जीवाणु संचार को बाधित करके जीवाणु के व्यवहार को बदलने की सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा अनुमान है कि प्राकृतिक सूक्ष्मजीवनिवारक (एंटीमाइक्रोबायल) जैसे आवश्यक तेल, बायोफिल्म के निमार्ण में हस्तक्षेप कर सकते हैं।
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दालचीनी का तेल लड सकता है सुपर बैक्टीरिया से -ऑस्ट्रेलियाई विवि के शोधकर्ता ने शोध में पाया