कोरोना संक्रमण को देखते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लेते हुए यूपी के स्लाटर हाउस पर रोक लगा दी है। यह रोक 22 मार्च से 24 मार्च तीन दिन तक जारी रहेगी। रोक सरकारी स्लाटर हाउस पर लगाई गई है, लेकिन लीज पर इनका संचालन प्राइवेट कंपनी कर रही हैं। फिलहाल यूपी के 15 शहरों में ऐसे स्लाटर हाउस का संचालन किया जा रहा है।
रोक लगाने के आदेश पशुधन मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने विभागीय अधिकारियों को जारी किए हैं। झांसी समेत पश्चिमी यूपी के 15 शहरों में सरकारी स्लाटर हाउस हैं। इनकी देखरेख नगर निगम की ओर से की जाती है। लेकिन यहां भैंस काटने और उसके मीट को शहर में सप्लाई करने का काम प्राइवेट कंपनी करती हैं। नगर विकास विभाग की मानें तो सभी स्लाटर हाउस से मीट की लोकल सप्लाई की जाती है, लेकिन अगर लोकल सप्लाई से मीट बचता है, तो प्राइवेट कंपनी चाहे तो उसे एक्सपोर्ट भी कर सकती है।
अलीगढ़ में एक साल में 13 लाख से ज्यादा भैंसें कटती हैं। वहीं उन्नाव में 7 लाख तो बरेली में 4 लाख भैंस हर साल कटती हैं। नगर विकास विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार 15 शहरों में हर रोज करीब 12 हजार भैंसें कटती हैं। रोज की 12 हज़ार और महीने की 3.5 लाख से ज्यादा तो साल की 40 लाख से ज्यादा भैंस यूपी के इन 15 शहरों में काटी जाती हैं। एक भैंस में से 175 किलो से लेकर 200 किलो तक मीट निकलता है। बाज़ार में मीट की कीमत 200 रुपए प्रति किलो है। इसके अलावा काटी गई भैंस की दूसरी चीजें भी बिकती हैं। कुल मिलाकर कटने के बाद एक भैंस करीब 45 हजार रुपए में बिक जाती है। यूपी के जिन 15 शहरों अलीगढ़, उन्नाव, बरेली, आगरा, शामली, झांसी, बाराबंकी, बुलन्दशहर, मुजफ्फरनगर, अमरोह, बिजनौर, सहारनपुर, रामपुर, संभल, गाज़ियाबाद में सरकारी स्लाटर हाउस हैं। हर स्लाटर हाउस में भैंस काटने और उसे बेचने का काम प्राइवेट कंपनी करती हैं।
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सीएम योगी ने तीन दिन के लिए सरकारी स्लाटर हाउस पर लगाई रोक