कैलोरी रहित डाइट कोल्डड्रिंक के नियमित सेवन से आंत में टाइप-2 डायबिटीज और हृदयरोगों से बचाव में कारगर एनजाइम का उत्पादन घट जाता है। हालिया अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। शोधकर्ताओं के मुताबिक डाइट कोल्डड्रिंक में ‘सैकरीन’ और ‘एस्पैरटम’ जैसे आर्टिफीशियल स्वीटनर (कृत्रिम शक्कर) मिलाए जाते हैं, जिनका अत्यधिक इस्तेमाल आंत में मौजूद गुड बैक्टीरिया की कार्यप्रणाली में बदलाव लाता है। इससे टाइप-2 डाबिटीज और दिल की बीमारियों से बचाने वाले एंजाइम का न सिर्फ उत्पादन घटता है, बल्कि उसकी कार्यक्षमता में कमी आती है। एक अध्ययन के अनुसार कृत्रिम स्वीटनर मस्तिष्क को भी भ्रम में डालते हैं। इनकी मिठास से वह शक्कर युक्त सामग्री और कृत्रिम शक्कर से लैस वस्तुओं के बीच अंतर नहीं कर पाता। नतीजतन शरीर में इनसुलिन का उत्पादन चक्र भी बिगड़ता है। शक्कर को ऊर्जा में बदलकर टाइप-2 डायबिटीज का खतरा घटाने में इनसुलिन हार्मोन की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है। इस अध्ययन में दो हजार से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए। शोधकर्ताओं ने कृत्रिम स्वीटनर के इस्तेमाल से उनके शरीर को होने वाले नुकसान के मद्देनजर साधारण कोल्डड्रिंक की तरह ही डाइट कोल्डड्रिंक पर भी ‘शुगर टैक्स’ लगाने की मांग की है।