(पिथौरागढ़) बंद हुए भारत से नेपाल की ओर जाने वाले सभी रास्ते, उत्तराखंड में फंसे हजारों नेपाली
उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में मजदूरी के लिए पहुंचने वाले नेपाली नागरिकों की संख्या अच्छी-खासी होती है। कुमाऊं में मजदूरी के अलावा नेपाली नागरिक लोगों का सामान घरों तक पहुंचाते और कइयों के घरों में भी काम करते हैं। उत्तराखंड सरकार द्वारा लॉक डाउन का ऐलान करने के बाद इनके पास स्वदेश वापसी के अलावा कोई चारा नही बचा है। ऐसे में लॉकडाउन का ऐलान होते ही भारी संख्या में नेपाली नागरिकों ने 22 मार्च से ही घर वापसी शुरू कर दी थी, लेकिन 23 मार्च को नेपाल सरकार ने 5 झूला और 1 मोटर पुल से आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी है। इसके चलते नेपाली नागरिकों पर संकट गहरा गया है। नेपाल सरकार के एकाएक लिए गए इस फैसले से उनके ही नागरिक भारत मे फंस गए हैं।
उत्तराखंड में लॉक डाउन होने के कारण यहां नेपाली नागरिकों को कोई काम नहीं मिल रहा है। ऊपर से उनके स्वदेश लौटने के रास्तों को नेपाल सरकार ने बंद कर दिया है। भारत और नेपाल के बीच तवाघाट से पंचेश्वर तक 5 झूला और बनबसा में 1 मोटरपुल है। इसके अलावा 7 घाट भी हैं, जहां दोनों मुल्कों के नागरिक एक-दूसरे के यहां आते-जाते हैं। सभी घाटों को नेपाल सरकार पहले ही बंद कर चुकी है। नेपाली मजदूर जनक सिंह का कहना है कि वह अपने परिवार के साथ पिथौरागढ़ मुख्यालय से झूलाघाट को रवाना हुए थे, लेकिन झूलाघाट पहुंचने पर उन्हें पता चला कि पुल बंद कर दिया गया है। जनक को अब यह समझ में नहीं आ रहा है कि वह अब भारत में कैसे अपने परिवार को पाले? क्योंकि लॉकडाउन के कारण सभी काम बंद है। चंपावत डिस्ट्रिक्ट में नेपाल सरकार के साथ ही भारत की ओर से भी पुल बंद कर दिए गए हैं। पिथौरागढ़ के डीएम विजय कुमार ने कहा कि जिले में नेपाल को जोड़ने वाले पुलों को भारत की ओर बंद करने का आदेश अभी उन्हें नही मिला है।
रीजनल नार्थ
(पिथौरागढ़) बंद हुए भारत से नेपाल की ओर जाने वाले सभी रास्ते, उत्तराखंड में फंसे हजारों नेपाली