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अतिषय क्षेत्र बरासो जैन मंदिर में हुआ महामस्तकाभिषेक का समापन

अतिषय क्षेत्र बरासो जैन मंदिर में हुआ महामस्तकाभिषेक का समापन

भिण्ड-बरासो - श्री 1008 भगवान महावीर स्वामी की समोषरण स्थली अतिषय क्षेत्र बरासो जैन मंदिर में मेडिटेषन गुरू विहसंत सागर जी महाराज, मुनि विष्व सूर्य सागर जी महाराज के ससंघ सानिध्य में होली के अवसर पर प्रथम बार 23 मार्च से चल रहे भगवान महावीर स्वामी के महामस्तकाभिषेक कार्यक्रम का समापन 25 मार्च दिन सोमवार को किया गया। इस अवसर पर मुनिराज विहसंत सागर जी महाराज ने कहा कि अन्याय और अनीत से उपार्जित धन व्यक्ति को कभी सुखी और समृद्ध नही बना सकता जिसके पास अन्याय और अनीति का पैसा होता है वह बीमारी, संकट और परेषानियों में हमेषा दुखी रहता है, वह सुखी नही हो सकता उसे रात दिन डाॅक्टर, वैद्य, हकीम, कोर्ट एवं कचहरी के चक्कर लगाना पड़ते है। इसलिये व्यक्ति को अपने धन के कार्यों में तथा पुराने जिन मंदिरों के निर्माण में लगाना चाहिए। सौ नये मंदिर बनवाने का फल एक प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार कराने के बराबर फल मिलता है। मुनिराज ने आगे कहा कि हमारे जीवन का मूल लक्ष्य धन का अर्जन नही सुख और समृद्धि होना चाहिए उसके लिए व्यक्ति को न्याय नीति और धर्म का अनुसरण करना चाहिए। अन्याय अनीति और अधर्म को आश्रय लेने वाला व्यक्ति कभी सुखी नही हो सकता किसी के भोजन में अगर जहर मिला है तो जहरीला भोजन हमारे लिये बढ़ा घातक होता है जिस धन में अन्याय अनीति का जहर चड़ा हुआ है। हमारे जीवन के लिये हमेषा घातक साबित हुआ है, परलोक में भी घातक सिद्ध हुआ है इसलिये पाप से भीति रखो और अन्याय अनीति के मार्ग से बचो। सम्पत्ति बढ़ाना है बढ़ाओ, सम्पत्ति का निषेध नही है। पहले सम्पत्ति षब्द को ध्यान में रखो। सम्पत्ति का अर्थ सम्यक प्रतिपत्ति सम्पत्ति जिसकी प्राप्ति सम्यक प्रकार से हो, जो भली प्रकार से अर्जित की जाये वह सम्पत्ति है, बाकी सब विपत्ति है। सम्यक प्रकार से अर्जित सम्पत्ति हमारे जीवन के विकाष का कारण बनती है और यदि हमने उसकी उपेक्षा कर दी तो वह हमारे विनाष का कारण बनती है।  
विषाल मंदिर हाॅल बनाने का हुआ भूमि पूजन
अतिषय क्षेत्र बरासो जी जैन मंदिर टीले पर तीन विषाल प्रतिमायें विराजमान है जो खुले में होने से उनकी व्यवस्था सुचारू रूप से नही हो पा रही थी इसलिये मेडिटेषन गुरू विहसंत सागर जी महाराज ने तीन दिवसीय महामस्तकाभिषेक कार्यक्रम के माध्यम से होने वाली आय का पूर्ण उपयोग टीले पर विषाल एवं भव्य मंदिर का हाॅल बनाने के लिये भूमि पूजन विधि विधान के साथ कराया। जिसमें मुनिराज विहंसत सागर जी महाराज ने षिला पर हाथ लगाते हुये कहा कि उस क्षेत्र में एक वर्ष में विषाल हाॅल 80’100 का बनकर तैयार होगा।
विधायक ओ.पी.एस. ने मुनिराज से लिया आर्षीवाद
श्री 1008 भगवान महावीर स्वामी दिगम्बर जैन मंदिर अतिषय क्षेत्र पर 23 मार्च से 25 मार्च 2019 तक चले महामस्तकाभिषेक के समापन पर मेहगांव क्षेत्र के विधायक ओ.पी.एस. भदौरिया ने मुनिराज से आर्षीवाद लेते हुये कहा कि संतों का आर्षीवाद सदा मेरे ऊपर बना रहे मेरा बढ़ा ही सौभाग्य है कि जैन संतों के दर्षन करने को मिले।
इस अवसर पर पूर्व विधायक प्रतिनिधि अन्नू तोमर, राजेन्द्र जैन, जगदीष जैन, प्रकाष जैन, मूलचन्द जैन, उमेष षास्त्री, संजू कुषवाह, रमेष जैन, आनंद जैन, नरेष जैन, सुमेर जैन, ऋषभ जैन, महेन्द्र जैन, सुरेन्द्र जैन, पंकज जैन, बाॅबी जैन, सुनील जैन, कमलेष जैन, बिल्लू जैन आदि बढ़ी संख्या में महिला, पुरूष एवं बच्चे उपस्थित थे।
षांतिनाथ महामंडल विधान का हुआ भव्य आयोजन अतिषय क्षेत्र बरासो जी जैन मंदिर में विराजमान मेडिटेषन गुरू विहसंत सागर जी महाराज, मुनि विष्व सूर्य सागर जी महाराज के ससंघ सानिध्य में महामस्तकाभिषेक कार्यक्रम के समापन पर श्री 1008 षांतिनाथ महामंडल विधान का भव्य आयोजन आनंद निखिल जैन भारौली परिवार एवं रतनचन्द राजू सोनू रानी बिरगवां परिवार के द्वारा किया गया जिसमें विधान के प्रारंभ में भगवान का अभिषेक षांतिधारा के पष्चात् विधान के विधानाचार्य चेतन जैन षास्त्री मथुरा ने क्रियाओं के साथ भक्ति भाव से कराया।     
 

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