जिन देशों में लोगों को हाथ धोने की आदत नहीं होती है, वे खुद ही कोरोना वायरस के संपर्क में आ जाते हैं। बर्मिंघम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया है कि टॉइलट करने के बाद चीन (77 फीसदी), जापान (70 फीसदी), दक्षिण कोरिया (61 फीसदी) और नीदरलैंड (50 फीसदी) में बड़ी संख्या में लोगों को हाथ धोने की आदत नहीं है। इस लिस्ट में भारत 40 फीसदी के साथ 10वें स्थान पर है। इस लिस्ट में पहले 10 स्थानों पर थाईलैंड (48 फीसदी), केन्या (48 फीसदी), इटली (43 फीसदी), मलेशिया (43 फीसदी) और हॉन्ग-कॉन्ग (40 फीसदी) शामिल हैं। ब्रिटेन में यह आदत 25 फीसदी और अमेरिका में 23 फीसदी है। हाथ धोने की सबसे अच्छी संस्कृति सऊदी अरब में देखी जाती है, जहां केवल 3फीसदी लोग आदतन अपने हाथ नहीं धोते हैं। बर्मिंघम बिजनस स्कूल के प्रोफेसर गना पोगरेबना ने कहा, 'जिन देशों में लोगों को हाथ धोने की आदत नहीं है, उन लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का अधिक खतरा है।' उन्होंने कहा, 'इस बीमारी का इलाज या टीका नहीं होने के कारण मौजूदा महामारी इस संक्रमण का संभावित खतरा कम करने के उपायों को खोजने के लिए बाध्य करती है।' पोगरेबना ने कहा, 'कोरोना वायरस से बचने के लिए कम से कम 20 सेकंड तक बार-बार साबुन से हाथ धोने की सलाह दी जा रही है। कुछ समय के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता व्यवहार को जल्दी से बदलना संभव है, लेकिन किसी विशेष देश में या दुनियाभर में हाथ धोने की संस्कृति को बदलना बहुत अधिक कठिन काम है।'
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जिन देशों में हाथ नहीं धोते वे निशाने पर -ब्रिटेन में हुए एक नए अध्ययन में किया दावा