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 कोरोना: दिल्ली से बीमार बच्चे को पैदल मेरठ लेकर जा रहे पिता के लिए पुलिस बनी देवदूत, पहुंचवाया घर

 कोरोना: दिल्ली से बीमार बच्चे को पैदल मेरठ लेकर जा रहे पिता के लिए पुलिस बनी देवदूत, पहुंचवाया घर

लॉकडाउन का पालन करने के लिए गाजियाबाद पुलिस ने कई जगह सख्ती की, लेकिन महाराजपुर बॉर्डर पर एक लम्हा ऐसा भी आया जब मौके पर मौजूद सभी पुलिस वाले ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित बच्चे और उसके पिता की सेवा में जुट गए। मेरठ जाने के लिए पैदल ही भटक रहे इन पिता पुत्र के लिए किसी ने लिफ्ट देने वाला इंतजाम किया तो किसी ने बाइक को सेनेटाइज किया। कोई मास्क व सेनेटाइज लेकर दौड़ता आया। इसके अलावा दिन भर में कई बार पुलिस वाले अपना डंडा छोड़ कभी सिलेंडर ढोते तो कभी घरों में बंद लोगों के लिए फल और सब्जियां पहुंचाते नजर आए। मुश्किल में फंसे लोगों का फोन आने पर पुलिस ने सभी आवश्यक सामान घरों तक पहुंचाया और लोगों का विश्वास जीता।
- क्या है मामला 
मेरठ निवासी एक बच्चा सिर में ट्यूमर की बीमारी से ग्रस्त है। इसका इलाज दिल्ली के सरकारी अस्पताल में चल रहा था। बच्चा अस्पताल में भर्ती था मगर वर्तमान हालात को देखते हुए अस्पताल ने बच्चे को घर जाने की सलाह दी थी। बच्चे के पिता बुधवार पूर्वाह्न इस मासूम को लेकर लौट रहे थे, लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद होने से दोनों पैदल ही मेरठ जा रहे थे। महाराजपुर बार्डर पर मौजूद गाजियाबाद पुलिस ने बच्चे की हालत और उसके पिता की मजबूरी देखते हुए बाइकसवार की मदद से मेरठ पुहंचवाया। विदा करने से पहले बाइक को सेनेटाइज किया और तीनों को मास्क भी दिए। लॉकडाउन की वजह से पिछले तीन दिन से लोग घरों में कैद हैं। संकट की इस घड़ी में पुलिस की पीआरवी आमजन की मददगार साबित हो रही हैं। बुधवार को कई बार ऐसे मौके आए, जब लोगों ने कंट्रोल रूम में फोन कर बताया कि उनके घर में गैस सिलेंडर खत्म हो गया है। सूचना मिलते ही संबंधित इलाके में गश्त कर रही पीआरवी ने सिलेंडर पहुंचाया। पीआरवी एक जगह से फ्री नहीं होती थी कि दूसरी जगह सामान पहुंचाने के लिए कंट्रोल रूम में फोन आ जाता था। लोगों ने फोन कर पुलिस से इलाज में भी मदद मांगी। एक मामला ऐसा भी आया जिसमें एक व्यक्ति ने फोन पर बताया कि उनकी पत्नी की तबियत खराब हो रही है। तुरंत मौके पर पहुंची पीआरवी ने अपनी गाड़ी में पीड़ित को डॉक्टर के पास ले जाकर दवाई दिलाई। एक व्यक्ति को तो पीआरवी ने ही 1,100 रुपये का राशन खरीद कर पहुंचाया। कोरोना के लिए बने कंट्रोल रूम में पुलिस से मदद के लिए बुधवार को दिन भर में कुल 84 कॉल आईं। अधिकारियों का कहना है कि एक भी कॉल फेक नहीं थी। सभी में मौके पर पहुंचने पर सही मामले पाए गए।
 

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