सिर की गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों का इलाज बिना ओपन सर्जरी के संभव हो सकेगा। लोहिया संस्थान के न्यूरो सर्जरी विभाग में न्यूरो इंटरवेंशन लैब जल्द स्थापित होने जा रही है। लैब में 10 करोड़ की लागत की डिजिटल सब ट्रैक्शन एंजियोग्राफी (डीएसए) मशीन जून तक लगवाई जाएगी। इसकी मदद से न्यूरो इंटरवेंशन स्ट्रोक और एन्यूरिज्म मरीजों को आधुनिक तकनीक से गैर सर्जिकल इलाज उपलब्ध हो सकेगा। इसे पिनहोल सर्जरी भी कहते हैं। लकवे में ट्रांसिएट एस्केमिक स्ट्रोक (टीपीए) आने पर तत्काल क्लॉट हटाने के लिए थ्रोम्बोलिसिस थैरेपी केवल साढ़े चार घंटे के भीतर ही मरीज पर कारगर रहती है। इसकी मदद से स्ट्रोक के मरीजों की मौत या उन्हें पैरेलाइज्ड होने से बचाया जा सकता है, लेकिन डीएसए की मदद से इंटरवेंशन के जरिए सीधा ब्रेन में इस थैरेपी को छह घंटे में किया जा सकेगा। अब यह इलाज 75 फीसदी तक इंटरवेंशन से किया जाने लगा है। इस लैब में आधुनिक तकनीक के माध्यम से बिना सर्जरी धमनी के जरिए नलियों व तारों में कॉइल्स डालकर एन्यूरिज्म का इलाज शुरू हो जाएगा। ब्रेन एन्यूरिज्म यानी खून की नली के गुब्बारे के मरीजों का सर्जरी कर क्लिपिंग से उपचार किया जाता था।
रीजनल नार्थ
सिर की बीमारी का इलाज बिना ओपन सर्जरी के हो सकेगा -लैब में 10 करोड़ की लागत की मशीन लगेगी