YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

आरोग्य

झुलसती गर्मी में भी आ सकता है हार्ट अटैक -शरीर का तापमान बढ़ सकता है नुकसानदेह स्तर तक 

झुलसती गर्मी में भी आ सकता है हार्ट अटैक -शरीर का तापमान बढ़ सकता है नुकसानदेह स्तर तक 

कमजोर दिल वाले लोग शरीर को ठंडा रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में रक्त को पंप करने में असमर्थ होते हैं। इसलिए वे ब्लड प्रेशर को भी सामान्य नहीं रख पाते हैं। इसके चलते उनके शरीर का तापमान नुकसानदेह स्तर तक बढ़ सकता है। इंसान का शरीर अमूमन 98.6 डिग्री फारेनहाइट यानी 37 डिग्री सेल्सियस तापमान को बनाए रखता है। तापमान के थोड़ा भी बढ़ने पर पसीना पैदा कर और रक्त वाहिकाओं को डाइलेट कर यानी फैलाकर शरीर खुद को ठंडा करने की कोशिश करता है। लेकिन जब ऐसा नहीं हो पाता और रक्त वाहिका के आकार के बड़े हो जाने के कारण दिल की धड़कन तेज और ब्लड प्रेशर कम हो जाता है तब दिल के रोगियों के लिए दिक्कत पैदा हो सकती है। हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती गर्मी के कारण पिछले कुछ सालों में दिल से जुड़ी बीमारियां, खासतौर पर हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं।
 माना जाता है कि सर्दियों में दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, न केवल कंपकंपाने वाली ठंड बल्कि झुलसाने वाली गर्मी भी दिल के दौरे के खतरे को बढ़ा सकती है। इसलिए दिल के मरीजों को दोनों स्थितियों में सावधानी बरतनी चाहिए। दिल का दौरा पड़ने की संभावना तब और बढ़ जाती है जब कुछ दिनों तक लगातार तेज धूप और गर्मी होती है। इसका कारण यह है कि शरीर के मेटाबॉलिज्म को 37 डिग्री सेल्सियस (98.6 डिग्री फारेनहाइट) के अपने सामान्य तापमान को बनाए रखने के लिए कठिन मेहनत करनी पड़ती है, जिससे दिल पर दबाव पड़ता है। यदि आप इन चेतावनी भरे इन संकेतों को शुरुआती दौर में ही पहचान लेते हैं और फिर ठंडे वातावरण में आराम करते हैं, इसमें आराम मिल सकता है।
 

Related Posts