गाजियाबाद शहर के मेरठ तिराहे पर आगरा के रहने वाले एक बुजुर्ग दंपति गुरुवार रात मुश्किल में फंस गए थे। इनमें करीब 72 साल की महिला कैंसर पीड़ित है और पति के साथ दिल्ली एम्स अस्पताल में इलाज के लिए आई थी। उसका एम्स में गुरुवार को अप्वॉइंटमेंट था, लेकिन ओपीडी बंद होने की वजह से वापस लौटना पड़ा। लॉकडाउन के चलते चूंकि बस और ट्रेन भी बंद हैं, ऐसे में यह दंपति पैदल चलते हुए मेरठ तिराहे तक आ गए थे, लेकिन यहां से उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि आगे का सफर कैसे तय करें। ऐसे में इस दंपति ने सड़क किनारे बेडसीट बिछाई और वहीं लेट गए। इस बीच रात में करीब 9 बजे गाजियाबाद के एसएसपी कलानिधि नैथानी उनके पास से गश्त करते हुए निकले। उन्होंने अपनी गाड़ी में से ही इस दंपति को देख लिया और गाड़ी रोक कर उनके पास पहुंचे और हाल जाना।
रोते हुए जब इन बुजुर्गों ने अपना हाल बताया तो एसएसपी ने भी बिना देरी किए ट्रैफिक पुलिस की फाइटर बुलाई और एक सब इंस्पेक्टर को कहकर इन बुजुर्गों को घर भेजने की व्यवस्था करने को कहा है। इसके बाद वह सब इंस्पेक्टर खुद इस बुजुर्ग दंपत्ति को लेकर यमुना एक्सप्रेस-वे तक गया और वहां पर किसी वाहन का इंतजार करने लगा। इतने में एक दूध का टैंकर आगरा की ओर जाता हुआ दिख गया। पुलिस ने टैंकर को रोक कर दंपति को उसमें बैठाया और घर तक छोड़ कर आने को कहा। टैंकर चालक ने भी रात करीब डेढ़ बजे बुजुर्ग दंपति को उनके घर पहुंचा कर गाजियाबाद पुलिस को सूचित किया गया है। एसएसपी की सहृदयता पर बुजुर्ग दंपति को इतनी खुशी हुई कि दोनों रो पड़े। दोनों बुजुर्गों ने एसएसपी के सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया। उन्होंने बताया कि ऐसे पुलिस वाले बहुत कम मिलते हैं। बुजुर्गों ने बताया कि अब उन्हें पूरी उम्मीद है कि वह सकुशल अपने घर पहुंच जाएंगे।
- 1 दिन पहले ही दिल्ली आ गए थे बुजुर्ग
बुजुर्गों का कहना है कि एम्स अस्पताल में गुरुवार को अप्वॉइंटमेंट था, लेकिन किसी तरह की असुविधा से बचने के लिए वह बुधवार को ही दिल्ली आ गए थे। गुरुवार की सुबह नियत समय पर एम्स भी पहुंच गए, लेकिन वहां बताया कि कोरोना रोगियों के अलावा और किसी को नहीं देखा जा रहा है तो उन्हें काफी निराशा हुई। इसके बाद वह रेलवे स्टेशन के लिए निकले, लेकिन कोई टैंपो या ऑटो नहीं मिला। लोगों ने बताया कि बस-ट्रेन सब कुछ बंद हैं। ऐसे में वह पैदल ही आगरा के लिए चल दिए। सीएम केजरीवाल ने कहा कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भोजन के बगैर न रहे, इसके लिए 14,000 से ज्यादा वाहन वालंटियर सहित सभी क्षेत्रों में भेज दिए गए हैं। ये वॉलंटियर घर-घर दूध, सब्जी, दवा, खाद्यान्न पहुंचा रहे हैं। वॉलंटियर इस बात का ध्यान रखें कि भीड़ न जमा हो और लोगों के घरों तक खाद्य सामग्री समय से पहुंचती रहे। सीएम ने कहा कि निराश्रित लोगों, श्रमिकों, बुजुर्गों, झुग्गी-झोपड़ी तथा किसी भी तरह के आश्रय स्थल और हॉस्टलों में रहने वाले लोगों के लिए कम्युनिटी किचेन स्थापित किए जाएं। मुख्यमंत्री ने सीमावर्ती जनपदों को निर्देश दिया है कि उत्तर प्रदेश के भीतर जो भी व्यक्ति आश्रय स्थल, रैनबसेरों आदि स्थानों पर पहुंच गए हैं उनके भोजन और शुद्ध जल की व्यवस्था वहीं तत्काल की जाए।
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लॉकडाउन: परेशान कैंसर पीड़ित दंपति के मददगार बने गाजियाबाद एसएसपी, लोगो को आगरा तक पहुंचाया