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(भोपाल) कोरोना वायरस की सेकंड अपर स्टेज के संकेत इंदौर में पॉजिटिव पाए गए मरीजों की नही पाई गई ट्रैवल हिस्ट्री 

(भोपाल) कोरोना वायरस की सेकंड अपर स्टेज के संकेत इंदौर में पॉजिटिव पाए गए मरीजों की नही पाई गई ट्रैवल हिस्ट्री 

देश के अन्य शहरों या राज्यों की तुलना में मरीजों की संख्या कम होने के बावजूद  स्वास्थ्य विभाग के इंदौर सीएमएचओ ने सेकंड अपर स्टेज में पहुंचने की घोषणा कर दी है। इंदौर में पॉजिटिव पाए गए 24 संक्रमित मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिलना ही सबसे बड़ी चिंता का कारण बन गया है।  इंदौर  ‎जिला कलेक्टर मनीष सिंह ने इंदौर के सेकंड अपर स्टेज पर पहुंचने की पुष्टि करते हुए सोमवार से टोटल लॉक डाउन कर दिया है। बता दें कि इंदौर में पिछले 4 दिनों में 24 कोरोना वायरस के पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं। इसमें हैरानी वाली बात यह है कि यह मरीज कहीं विदेश यात्रा करके नहीं लौटे। जिससे संक्रमण की सही स्थिति ज्ञात नहीं हो रही है। स्वास्थ्य विभाग इन मरीजों से संक्रमित सभी व्यक्तियों को खोजकर आइसोलेट और कवरन्टाइन किया है। साथ ही सभी लोगों के सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए हैं। 24 मरीजों के संपर्क में आने वाले लगभग 100 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के अनुसार समुदाय में लोगों से अन्य लोगों को होने और उसके सोर्स की जानकारी ना होने पर इसे कोरोना वायरस की तीसरी स्टेज माना गया है। बुधवार को इंदौर में मिले सबसे पहले 10 मरीजों की कोई विदेश यात्रा की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नहीं लगी। जिससे उनकी चिंता बढ़ गई। उन्होंने उनके संपर्क में आने वाले कई लोगों की पड़ताल की जिसमें रानीपुरा में रहने वाले एक परिवार के सदस्यों को भी आइसोलेट किया गया। अगले दिन जांच रिपोर्ट में उसी परिवार की दो बालिकाएं पॉजिटिव पाई गईं। इसके बाद उस परिवार और उस परिवार के संपर्क में आए लोग अधिकतर पॉजिटिव पाए गए हैं। इसी तरह की हिस्ट्री दो अन्य परिवारों की भी सामने आई है जिसमें उनके परिवार के एक या दो सदस्य संक्रमित पाए गए। उज्जैन की एक महिला का रिश्तेदार भी उसके संपर्क में आने से पॉजिटिव पाया गया था। एमआरटीबी अस्पताल में बने जांच सेंटर में रोजाना लगभग ढाई सौ लोग पहुंच रहे हैं। ये लोग सर्दी खांसी और बुखार से पीड़ित हैं। इनमें से जिन लोगों में लक्षण दिख रहे हैं उनकी जांच भी स्वास्थ्य विभाग करवा रहा है। जिससे कि उनके संक्रमण की जानकारी मिल सके। ऐसे में जितने भी पॉजिटिव मरीज आएंगे उन्हें ट्रेस करना आसान होगा इसलिए 7 दिन महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया के अनुसार हम तीसरी स्टेज की ओर बढ़ रहे हैं जिसे बीच में ही रोकना बेहद जरूरी है। अगर संक्रमित हुए लोगों से संक्रमित हुए अन्य लोगों को ट्रेस नहीं किया गया तो यह समाज में फैल सकता है।
 

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