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येदियुरप्पा भाजपा के सबसे विवादित नेता, फिर भी पार्टी का सबसे भरोसेमंद चेहरा

 येदियुरप्पा भाजपा के सबसे विवादित नेता, फिर भी पार्टी का सबसे भरोसेमंद चेहरा

कर्नाटक के पूर्व सीएम एवं भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा सबसे विवादित नेता है फिर भी पार्टी का सबसे भरोसेमंद चेहरा है। जिला अध्यक्ष से अपना सियासी सफर शुरू करते हुए येदियुरप्पा ने राज्य की सबसे बड़ी सियासी कुर्सी तक पहुंचे। वह 7 बार विधायक रहे और एक बार लोकसभा सांसद भी चुने गए। इसके अलावा वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं। बीजेपी के सबसे विवादित नेता होने के बावजूद कर्नाटक में वह पार्टी का सबसे भरोसेमंद चेहरा हैं। मांड्या जिले के बुकानकेरे गांव में 27 फरवरी 1943 को येदियुरप्पा का जन्म हुआ। उनके पिता का नाम सिद्धालिंगप्पा और मां का नाम पुट्टाथय्यमा था। बीएस येदियुरप्पा के नाम में उनके पिता और गांव का नाम भी जुड़ा है और उनका पूरा नाम बुकानकेरे सिद्धालिंगप्पा येदियुरप्पा है। जब वह चार साल के थे तभी उनकी मां का निधन हो गया। मांड्या से ही उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा हासिल की और उसके बाद एक मिल में क्लर्क की नौकरी करने शिकारपुरा चले गए। येदियुरप्पा जिस चावल मिल में क्लर्क थे उसी मिल मालिक की बेटी से 1967 में उन्होंने शादी की। बाद में उन्होंने एक हार्ड वेयर की दुकान खोलकर कारोबार शुरू कर दिया। येदियुरप्पा के 2 बेटे और 3 बेटियां है। उनके एक बेटे बीवाई राघवेंद्र 2 बार शिमोगा सीट से लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं। येदियुरप्पा खुद को समाज सुधारक बसावन्ना का अनुयायी बताते हैं।
कॉलेज के दिन से आरएसएस के सदस्य रहे येदियुरप्पा ने अपनी सियासी पारी 70 के दशक में संघ के सचिव के तौर पर शुरू की। साल 1975 में येदियुरप्पा शिकारपुरा नगर पालिका से अध्यक्ष चुने गए। इसी दौरान जब केंद्र की इंदिरा गांधी सरकार ने देश में आपातकाल लगाया तो येदियुरप्पा बेल्लारी और शिमोगा की जेल में कैद भी रहे। इसके बाद वह शिमोगा जिले के बीजेपी अध्यक्ष नियुक्त किए गए। साल 1993 में येदियुरप्पा पहली बार शिकारपुरा से चुनकर विधानसभा पहुंचे और लगातार 6 बार इसी सीट से चुनाव जीतते रहे। साल 1994 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार हुई और येदियुरप्पा को सदन में नेता प्रतिपक्ष चुनाव गया। 1999 में येदियुरप्पा विधानसभा चुनाव हार गए लेकिन तब उन्हें पार्टी ने विधान परिषद भेजने का फैसला किया। 2004 में कांग्रेस-जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई और कांग्रेस के धरम सिंह मुख्यमंत्री चुने गए, इस दौरान भी येदियुरप्पा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में थे। भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल जा चुके येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री की कुर्सी तक गंवानी पड़ी थी। इसके अलावा उनपर कई बार अवैध खनन से लेकर घूसखोरी के आरोप लग चुके हैं। साल 2011 में उनके खिलाफ जमीन पर अवैध कब्जे के आरोप लगे और कर्नाटक लोकायुक्त ने येदियुरप्प के पर एफआईआर के आदेश जारी किए थे। इसी साल अक्टूबर-नवंबर में उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ी थी। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्टे लगाकर सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। येदियुप्पा के खिलाफ सबसे ताजा मामला 2019 का है, जिसमें उनपर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को घूस देने के आरोप लगाए गए। येदियुरप्पा डायरी के नाम से चर्चित इस कांड में केंद्रीय मंत्रियों समेत बीजेपी के बड़े नेताओं के नाम शामिल हैं। हालांकि आयकर विभाग ने डायरी के पन्नों का जाली करार देते हुए इस मामले को खारिज कर दिया है। 

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