दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के मरकज से कोरोना के 24 मरीज मिलने के बाद हड़कंप मच गया है। 350 लोगों को राजधानी के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। निजामुद्दीन मस्जिद वाले इलाके को सील किया गया है। इनके संपर्क में आए 1600 लोगों को पुलिस तलाश रही है। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग और विश्व स्वास्थय संगठन की टीम ने इलाके का दौरा किया गया है। दिल्ली पुलिस ने महामारी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। निजामुद्दीन इलाके में जमात मुख्यालय में रुके लोगों में कोरोना संक्रमण फैलने से हालात बिगड़ गए। 34 को एम्स झज्जर भेजा गया। लोकनायक अस्पताल में 153 को भर्ती किया गया है। राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में 65 लोगों को भर्ती कराया गया है।
वहीं उत्तरी रेलवे के आइसोलेशन केंद्र में भी 97 लोगों को रखा गया है। भर्ती लोगों में लगभग ढ़ाई सौ ऐसे हैं जिनमे कोरोनावायरस के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। कुछ लोगों को खांसी जुखाम और तेज बुखार की शिकायत है। स्वास्थ्य विभाग को यह जानकारी मिलने के बाद निजामुद्दीन की उस मस्जिद को बंद कर दिया गया है और सेनेटाइज करवाया जा रहा है। साथ ही पुलिस ड्रोन के माध्यम से भी ऐसे लोगों की तलाश करने और नज़र रखने का काम भी कर रही है। इसके लिए इलाके में ड्रोन उड़ाए जा रहे हैं। दिल्ली सरकार और डब्ल्यूएचओ की टीम ने सोमवार सुबह ही निजामुद्दीन की दोनों मस्जिदों को बंद करा दिया। इन मस्जिदों को सेनेटाइज भी करवाया गया है। इलाके में पुलिस के अलावा डॉक्टरों की टीम भी तैनात की गई हैं।
- जमात का केंद्र निजामुद्दीन मरकज
मालूम हो कि भारत में तब्लीगी जमात का केंद्र निजामुद्दीन मरकज है। देश ही नहीं पूरी दुनिया से जमात (धार्मिक लोगों की टोली, जो इस्लाम के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए निकलते हैं) निजामुद्दीन मरकज पहुंचती है। मरकज में तय किया जाता है कि देशी या विदेशी जमात को भारत के किस क्षेत्र में जाना है। दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए ज्यादातर लोग मलेशिया और इंडोनेशिया के नागरिक थे। ये लोग 27 फरवरी से 1 मार्च के बीच कुआलालंपुर में हुए इस्लामिक उपदेशकों के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद भारत आए थे। दिल्ली में सोमवार 25 और कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए हैं। यह संख्या 1 दिन में सबसे ज्यादा है। सोमवार दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। इनमें 24 मामले तबलीगी से जुड़े हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब तक दिल्ली में 97 कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं। ज्यादात्तर संक्रमित मरीज निजामुद्दीन स्थित मरकज में शामिल होने वाले हैं। इन्हें फिलहाल दिल्ली के सात सरकारी अस्पतालों में भर्ती किया हुआ है। 20 हजार से ज्यादा लोग घरों में और सरकार की ओर से बनाये गए क्वारन्टीन केंद्रों में रह रहे हैं।
- क्या होता तबलीगी का मतलब
दरअसल, तबलीगी का मतलब अल्लाह की कही बातों का प्रचार करने वाला होता है। वहीं जमात का मतलब होता है एक खास धार्मिक समूह। यानी धार्मिक लोगों की टोली, जो इस्लाम के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए निकलते हैं। मरकज का मतलब होता है बैठक या फिर इनके मिलने का केंद्र। हजरत मौलाना इलियास कांधलवी ने 1926-27 में सुन्नी मुसलमानों के संगठन तबलीगी जमात की स्थापना दिल्ली में निजामुद्दीन स्थित मस्जिद से की थी। यहीं जमात का मुख्यालय है। इस्लाम की शिक्षा देने के लिए इलियास शुरुआत में हरियाणा के मेवात के मुस्लिम समुदाय के लोगों को पहली जमात में ले गए थे। जमात से जुड़े लोगों का दावा है कि जमात दुनिया के 213 मुल्कों में फैली है और इससे दुनियाभर के 15 करोड़ लोग जुड़े हैं। बिना सरकारी मदद के संगठन का संचालन करने का दावा करते हुए इन लोगों ने बताया कि जमात अपना अमीर (अध्यक्ष) चुनती है और लोग उसी की बात मानते हैं। कहा जाता है कि यह सुन्नी मुस्लिमों का संगठन है। जमात का पहला धार्मिक कार्यक्रम 1941 में भारत में हुआ था। इसमें 25000 लोग शामिल हुए थे। 1940 तक जमात का कामकाज सिर्फ भारत तक ही था। इसके बाद जमात की शाखाएं पाकिस्तान और बांग्लादेश में खुल गईं। जमात हर साल देश में एक बड़ा कार्यक्रम करती है, जिसे इज्तेमा कहते हैं।
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कोरोना: निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज से पूरे देश में हड़कंप