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तबलीगी जमात में शामिल कश्मीरी कारोबारी ने मरने से पहले कई लोगों को किया संक्रमित 

तबलीगी जमात में शामिल कश्मीरी कारोबारी ने मरने से पहले कई लोगों को किया संक्रमित 

 दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात में शामिल श्रीनगर के कारोबारी की कोरोना वायरस से मौत हो गई है। वही मरने से पहले उसने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और वापस जम्मू-कश्मीर के लिए हवाई, ट्रेन और सड़क मार्ग से यात्रा की थी। उसके संपर्क में आने वाला एक डॉक्टर जम्मू के अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहा है। वहीं, सफर के दौरान उसके संपर्क में आने से सैकड़ों लोगों के कोरोना से संक्रमित होने की आशंका जताई है। श्रीनगर के अस्पताल में 26 मार्च को कारोबारी की मौत हुई थी। दिल्ली छोड़ने के ठीक 19 दिन बाद। अपने सफर के दौरान उसने कई लोगों को संक्रमित किया और करीब 300 लोगों को उसके कारण क्वारंटीन में रखा है। 7 मार्च को वह फ्लाइट से श्रीनगर से दिल्ली तब्लीगी जमात में हिस्सा लेने पहुंचा था।  इस जमात में हिस्सा लेने वाले 2400 लोगों में से 24 को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। इसके बाद कश्मीरी कारोबारी ने 9 मार्च को दिल्ली से देवबंद तक ट्रेन में सफर किया, जहां उसने दारूल उलूम सेमिनार में हिस्सा लिया। दो दिन बाद 11 मार्च को उसने जम्मू के लिए ट्रेन ली थी। 60 वर्षीय कारोबारी के साथ ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों का पता लगाने के बाद उन्हें क्वारंटीन किया है। 
- डॉक्टर दोस्त को किया संक्रमित, 45 क्वारंटीन  
अधिकारियों ने बताया, जम्मू पहुंचने पर इस कारोबारी ने अपने डॉक्टर मित्र के साथ सांबा की एक मस्जिद में धार्मिक बैठक में हिस्सा लिया था। ये दोनों 16 मार्च तक एक लॉज में साथ ठहरे थे। डॉक्टर जम्मू के अस्पताल में भर्ती है, जहां उसकी हालत नाजुक है। यह डॉक्टर जम्मू के राजौरी जिले का रहने वाला है और वहां करीब 45 लोगों को क्वारंटीन किया है। कारोबारी ने 16 मार्च को जम्मू से श्रीनगर की फ्लाइट ली। श्रीनगर से वह सोपोर पहुंचा और दो दिन बाद कार से अपने घर श्रीनगर आया। 21 मार्च को उसने छाती में दर्द व बुखार की शिकायत अस्पताल में भर्ती कराया था। जांच में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद उसे एसकेआईएमएस अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां 26 मार्च को उसकी मौत हो गई। प्रदेश में कोरोना वायरस से यह पहली मौत थी। कारोबारी का इलाज करने वाले दो डॉक्टरों को भी क्वारंटीन किया गया था। कारोबारी की मौत के बाद हड़कंप मच गया, जिसके बाद अधिकारियों ने उसके संपर्क में आने वाले लोगों की खोजबीन शुरू की। 
 

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