सूबे की योगी सरकार निर्धन से निर्धन गरीब, बेसहारा, मजदूर, किसान, विधवा, विक्लांग और वृद्धो पर मेहरबान है। जिससे गरीबों को खाने के लिए निशुल्क सरकारी अनाज और खर्चे के लिए सरकारी खजाने का धन दोनो घर बैठे मिल रहा है। मनरेगा को छोड़कर बाक़ी का लाभ सीधे योजनाओं के पात्र व्यक्तियो के खाते में जा रहा है। जिससे 21 दिन की पूर्ण बंदी का असर गरीबों में नहीं है। लेकिन कोरोना की महामारी में छात्रों की छात्रवृत्ति पचडें में फंस गई है। जिससे सामान्य वर्ग के हजारों छात्र अगले शिक्षा सत्र में प्रवेश नहीं ले पाएंगे। आखिरी चरण की छात्रवृत्ति 31 मार्च को छात्रों के खाते में आना था। लेकिन बचे पात्र छात्रों की छात्रवृत्ति आई नहीं है। जिससे हजारों छात्र और अभिभावक दोनों अगले साल की पढ़ाई को लेकर बेहद चिंता में हैं। अभिभावकों का कहना है कि पहले और दूसरे चरण में आने वाली छात्रवृत्ति समाज कल्याण विभाग से सेंटिग वालों की आती है। मगर आखिरी चरण में विना जुगाड़ वालों की आती है। बिना जुगाड़ वाले किस्मत और सरकार के नाम पर केवल इन्तजार करते हैं।मगर इस बार नहीं आई है। कोरोना महामारी में योगी सरकार गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले कार्डधारकों को अगले तीन महीने तक फोकट में सरकारी राशन देगी। इस योजना में अंत्योदय कार्डधारक, मनरेगा जॉब कार्डधारक और पंजीकृत श्रमिकों को जोड़ा गया है।
कोरोना महामारी की पूर्ण बंदी में तीनों योजना से जुड़े परिवार को एक अपैल से सरकारी राशन मिलने की शुरुआत हो चुकी हैं। इसमें अंत्योदय कार्डधारक को 35 किलो राशन निशुल्क है। बाकी मनरेगा के 114429 लाख और श्रम विभाग में करीब 37 हजार पंजीकृत श्रमिकों को राशन और सबके खाते में एक हजार रुपए आ चुके हैं। लेकिन मनरेगा जॉब कार्डधारक और पंजीकृत श्रमिक को एक यूनिट पर 5 किलो राशन निशुल्क है। सरकार की मंशा हर परिवार को भुखमरी से बचाने की है। लेकिन मनरेगा जॉब कार्डधारकों का गोरखधंधा किसी से छिपा नहीं है।इस योजना में तीन मंजिला कोठी वाले परिवार के नाम भी है।
मनरेगा के गोरखधंधे किसी से छिपे नहीं है। मनरेगा जॉब कार्ड के गोरखधंधे पर एक प्रभारी खंड विकास अधिकारी ने कहा कि सरकार की मंशा साफ है। लेकिन प्रधानों की मंशा साफ नहीं है। जिससे मनरेगा योजना में इसके पात्र को लाभ कम है। जो इस योजना के पात्र है। उनका मनरेगा की एक्टिव सूची में नाम नहीं है।इसके बाद सभी जनधन खाते में अगले तीन महीने तक पांच सौ रुपए आएगें। उज्जवला योजना में तीन सेंलंडर भी निशुल्क है कोरोना महामारी से निपटने के लिए भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड ने 15 करोड़ 72 लाख रुपए प्रधानमंत्री फंड को दिया है जगदीशपुर इकाई के कार्यपालक निदेशक गौतम चकलादार ने बताया कि इस फंड में 22 इकाई के कर्मचारियों से वेतन कटौती के 8 करोड़ 72 लाख और 7 करोड़ सामाजिक दायित्व योजना का धन जुड़ा है। इसमे जगदीशपुर इकाई के एक करोड़ 32 लाख है।
सपा विधायक राकेश सिंह 4 लाख रुपए पुलिस और पत्रकार को मास्क और सेनेटाइजर के लिए सीडीओ को दिया है। बाकी गरीबों के लिए सरकारी और निजी भंडारे चल रहे हैं। अशोक सिंह ईट भट्ठे मजदूरों को राशन किट बाट रहे हैं। स्वामी परमहंस आश्रम में लाचार पागल और बेसहारा को भोजन कराने के लिए जलंधर पंजाब में आर्मी यूनिट 4011 के कैप्टन डॉ श्रीजीत और इनकी पत्नी डॉ सुमैरा ने टीकरमाफी ग्राम प्रधान के खाते में धन भेजा है।
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(अमेठी) गरीब, बेसहारा, मजदूर और बुर्जुगों पर योगी सरकार मेहरबान