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69 फीसदी महिला प्रसव के बाद मान‎सिक समस्या का शिकार  -ताजा अध्ययन में हुआ खुलासा 

69 फीसदी महिला प्रसव के बाद मान‎सिक समस्या का शिकार  -ताजा अध्ययन में हुआ खुलासा 

एक ताजा अध्ययन में खुलासा हुआ है कि जिन महिलाओं को पहले बच्चे के जन्म के बाद अवसाद, उन्माद और सिजोफ्रेनिया जैसे मानसिक समस्याएं होती हैं, उनमें दूसरा बच्चा होने की संभावना कम हो जाती है। अध्ययन में कहा गया कि 69 फीसदी महिलाएं जो पहले प्रसव के बाद 6 महीने के अंदर मानसिक समस्याओं का शिकार हुईं, उनको दूसरा बच्चा होने की संभावना कम थी। शोधकर्ताओं ने कहा, प्रसवोत्तर की अवधि में महिलाओं को विशेष रूप से मानसिक समस्याएं होने का खतरा रहता है। आरहूस यूनिवर्सिटी में शोधकर्ता डॉ। जिआओकिन लियू ने कहा, यह उन महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है जिनका गंभीर प्रसवोत्तर मानसिक विकार का मेडिकल रिकॉर्ड रहा है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, अभी तक इस पर बहुत कम शोध हुआ है कि मानसिक विकारों से महिलाओं के बाद का प्रजनन प्रभावित होता है या नहीं। शोधकर्ता लियू ने कहा, हम इस अध्ययन के जरिए यह पता लगाना चाहते थे कि क्या पहले प्रसव के बाद मानसिक विकारों का शिकार होने वाली महिलाओं में दूसरा बच्चा होने की संभावना कम हो जाती है। इस अध्ययन के लिए डेनमार्क की 4,14,571 महिलाओं से डाटा लिया गया, जिन्होंने 1997 से 2015 के बीच पहले बच्चे को जन्म दिया था। इन महिलाओं पर लगभग 19 साल तक नजर रखी गई। इसमें उन्होंने पाया कि पहले प्रसव के बाद मानसिक रोगों से ग्रस्त 4,327 (1 प्रतिशत) महिलाओं में दूसरे बच्चे को जन्म देने की संभावना एक तिहाई कम थी। डाक्टरों ने कहा कि हम सलाह देते हैं कि जो दंपति दूसरा बच्चा चाहते हैं, वे अपने परिवार के डॉक्टरों या मनोचिकित्सकों से मदद लेकर इलाज की योजना बनाएं।शोधकर्ताओं ने कहा, पिछले शोधों से पता चला है कि लगभग 3 प्रतिशत महिलाएं प्रसव के बाद पहले तीन महीनों में मानसिक रोगों का शिकार हो जाती हैं। इन मानसिक रोगों से कई अन्य तरह की समस्याएं भी हो सकती हैं। आमतौर पर असामान्य विचार, व्यवहार और अन्य लोगों के साथ संबंध खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। 
 

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