इससे पहले कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक रिलीज होती फिल्ममेकर विक्रम भट्ट ने एक बड़ा बयान दे दिया है। दरअसल बॉलीवुड में यह दौर बायोपिक फिल्मों का है और बहुत से निर्माता-निर्देशक इस तरह की फिल्में बनाने में व्यस्त हैं। ऐसे में जल्द ही प्रधानमंत्री मोदी की बायोपिक रिलीज हो रही है। इससे पहले विक्रम भट्ट ने अपने एक बयान में कह दिया है कि हिंदी फिल्म जगत में बायोपिक का चलन भेड़चाल का नतीजा है और यदि कुछ बायोपिक असफल साबित होती हैं तो यह चलन भी समाप्त हो जाएगा। विक्रम ने यह बात मीडिया के सामने लेखिका अर्चना धुरंधर की 'द सोल चार्जर' पुस्तक विमोचन समारोह में कही। यहां विक्रम ने स्पष्ट कहा कि 'जब कोई बायोपिक बनाता है तो उसके पास पहले से बनी-बनाई कहानी होती है। यह किसी और के द्वारा लिखी गई या फिर लोगों की जानकारी में हो सकती है। इससे हटकर कुछ कहानियां ऐसी भी हैं, जिनके बारे में लोग नहीं जानते, लेकिन फिर भी वे उन्हें देखते हैं।' यहां पर विक्रम ने खुद के बारे में बताते हुए कहा कि 'पिछले 26-27 सालों से मैं बॉलीवुड में फिल्म निर्देशन का काम कर रहा हूं। उससे पहले तक करीब दस साल तक सहायक निर्देशक के तौर पर मैने कार्य किया। इस सफर के दौरान मैंने इस तरह की कई भेड़चाल देखी हैं और बायोपिक का चलन भेड़चाल का नतीजा ही है। इससे ज्यादा कुछ नहीं है।
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विक्रम भट्ट ने क्यों कह दिया बायोपिक चलन को भेड़चाल