कोरोना वायरस मामले में बुरी तरह उलझ चुकी निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा खबर यह है कि यह 7 मंजिली बिल्डिंग अवैध रूप से बनी है। जिस जमीन पर यह इमारत खड़ी है, उसके कागजात नगर निगम के पास नहीं हैं। प्रॉपर्टी और हाउस टैक्स जमा होना तो दूर की बात है। इस बारे में अधिकारियों को कई बार शिकायत मिल चुकी है। अब बिल्डिंग गिराने की तैयारी चल रही है। कोरोना प्रकरण उजागर होने के बाद बिल्डिंग को सील कर दिया गया है।
फाइल तैयार हो रही
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी के डिप्टी चेयरमैन राजपाल सिंह के अनुसार, इमारत को ढहाने की कार्रवाई के लिए फाइल तैयार हो रही है। इमारत का निर्माण पूरी तरह से गैरकानूनी है। स्थानीय लोगों का भी कहना है कि इस अवैध निर्माण की शिकायत गृह मंत्रालय और उपराज्यपाल से लेकर नगर निगम तक से की गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
मदरसा तोड़कर बनाया था मरकज
राजधानी दिल्ली में निजामुद्दीन के रिहायशी इलाके में बनी यह बिल्डिंग करीब 2000 गज में बनी है। नियमानुसार इसकी ऊंचाई 15 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए, लेकिन यह करीब 25 मीटर ऊंची है। इलाके के लोग बताते हैं, यहां पहले छोटा मदरसा चलता था। यहां क्षेत्र के ही कुछ लोग नमाज पढऩे आते थे। 1992 में मदरसे को तोड़कर इमारत बना दी गई। मदरसे के नाम से ढाई मंजिल का नक्शा पास हुआ था, लेकिन मनमाने तरीके से दो मंजिल का बेसमेंट और सात मंजिल की बिल्डिंग बना दी गई।
रीजनल नार्थ
तब्लीगी मरकज की 7 मंजिला बिल्डिंग अवैध अब हो रही ढहाने की तैयारी