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अवैध खनन से करोड़ों की संपत्ति कमा रहे है बदमाश

अवैध खनन से करोड़ों की संपत्ति कमा रहे है बदमाश

राजस्थान के भरतपुर में मेवात व् रूपवास,बयाना क्षेत्र में अवैध खनन एक लम्बे समय से चल रहा है जिसके चलते पहाड़ियां ख़त्म होने के कगार पर है लेकिन प्राकर्तिक संपत्ति को बचाने के लिए बने खनन,वन विभाग इस दिशा में अवैध खनन को रोकने के लिए असफल सवित हो रहे है लिहाजा इन विभागों के अधिकारीयों पर अवैध खनन को बढ़ावा देने और अच्छी खासी रकम बसूलने के आरोप भी लगते रहे है | 
मामला मेवात क्षेत्र में पहाड़ी थाना क्षेत्र में स्थित नागल क्रेसर जोन का है जहाँ खनन विभाग का खसरा नंबर 162 है जिस पर सीमित मात्रा में खनन करने के लिए खनन विभाग द्वारा वर्ष 2010 में कामा थाना क्षेत्र के गाँव लुहेसर निवासी जैकम खान को लीज आवंटित की थी लेकिन उसका पट्टा नहीं होने से यह लीज निरस्त हो गयी लेकिन इसके बाबजूद यहाँ स्थानीय बदमाशों द्वारा विगत 9 वर्षों से अवैध खनन किया जा रहा है जिससे ये लोग करोड़ों रूपये हर महीने अवैध कमाई कर रहे है और पहाड़ को ख़त्म किया जा रहा है लेकिन खनन विभाग आँख बंद किये हुए है | सूत्रों के अनुसार इस अवैध खनन में कुछ राजनेताओं की भी भागीदारी है जिससे उनको भी अच्छी खासी कमाई मिलती है | 
इस अवैध खनन में अपनी अपनी भागीदारी व् आधिपत्य स्थापित करने की लड़ाई में एक मर्डर भी वर्ष 2015 में हो चुका है | गाँव धौलेट निवासी आसु खान,गाँव धीमरी निवासी जाहिद खान और पहाड़ी निवासी ताहिर कुरैशी नामक बदमाश एक लम्बे समय से यहाँ अवैध खनन कर गाडी कमाई कर रहे है और प्राकर्तिक सम्पदा पहाड़ियों को ख़त्म कर रहे है हालाँकि इस अवैध खनन को रोकने के लिए स्थानीय संतों ने भी काफी समय से आंदोलन कर रहे है और समय समय पर अवैध खनन को रोकने के लिए धरना प्रदर्शन करते रहे है लेकिन अवैध खनन बंद नहीं हो सका | 
वर्ष 2012 में भरतपुर के जिला पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने पहाड़ी के नागल खनन जोन में अवैध खनन के खिलाफ दविश दी थी जिसमे खनन,वन और पुलिस विभाग की संयुक्त कार्यबाही में करीब 105 लोग मौके से गिरफ्तार किये गए व् करीब दो दर्जन मशीनरी जप्त की थी | 
जब खनन विभाग के अधिकारीयों से अवैध खनन को नहीं रोकने का कारण जानना चाहा तो उनका कहना है की उनको इस बारे में कोई जानकारी नहीं है लेकिन वे मौके पर जाकर जांच करेंगे और कार्यबाही करेंगे तो वहीँ पुलिस अधिकारीयों का कहना है की अवैध खनन को रोकने के लिए पुलिस,खनन व् वन विभाग को संयुक्त कार्यबाही करनी चाहिए और अवैध खनन को रोकना सभी विभागों की जिम्मेदारी भी है |   
अब सवाल उठता है की जिस खनन व् वन विभाग की जिम्मेदारी प्राकर्तिक पहाड़ियों को सुरक्षित रखा है वे विभाग के अधिकारी आखिर समय समय पर अपनी जमीन का मौका मुआइना क्यों नहीं कर पाते है - राजस्थान के भरतपुर में मेवात व् रूपवास,बयाना क्षेत्र में अवैध खनन एक लम्बे समय से चल रहा है जिसके चलते पहाड़ियां ख़त्म होने के कगार पर है लेकिन प्राकर्तिक संपत्ति को बचाने के लिए बने खनन,वन विभाग इस दिशा में अवैध खनन को रोकने के लिए असफल सवित हो रहे है लिहाजा इन विभागों के अधिकारीयों पर अवैध खनन को बढ़ावा देने और अच्छी खासी रकम बसूलने के आरोप भी लगते रहे है | 
मामला मेवात क्षेत्र में पहाड़ी थाना क्षेत्र में स्थित नागल क्रेसर जोन का है जहाँ खनन विभाग का खसरा नंबर 162 है जिस पर सीमित मात्रा में खनन करने के लिए खनन विभाग द्वारा वर्ष 2010 में कामा थाना क्षेत्र के गाँव लुहेसर निवासी जैकम खान को लीज आवंटित की थी लेकिन उसका पट्टा नहीं होने से यह लीज निरस्त हो गयी लेकिन इसके बाबजूद यहाँ स्थानीय बदमाशों द्वारा विगत 9 वर्षों से अवैध खनन किया जा रहा है जिससे ये लोग करोड़ों रूपये हर महीने अवैध कमाई कर रहे है और पहाड़ को ख़त्म किया जा रहा है लेकिन खनन विभाग आँख बंद किये हुए है | सूत्रों के अनुसार इस अवैध खनन में कुछ राजनेताओं की भी भागीदारी है जिससे उनको भी अच्छी खासी कमाई मिलती है | 
इस अवैध खनन में अपनी अपनी भागीदारी व् आधिपत्य स्थापित करने की लड़ाई में एक मर्डर भी वर्ष 2015 में हो चुका है | गाँव धौलेट निवासी आसु खान,गाँव धीमरी निवासी जाहिद खान और पहाड़ी निवासी ताहिर कुरैशी नामक बदमाश एक लम्बे समय से यहाँ अवैध खनन कर गाडी कमाई कर रहे है और प्राकर्तिक सम्पदा पहाड़ियों को ख़त्म कर रहे है हालाँकि इस अवैध खनन को रोकने के लिए स्थानीय संतों ने भी काफी समय से आंदोलन कर रहे है और समय समय पर अवैध खनन को रोकने के लिए धरना प्रदर्शन करते रहे है लेकिन अवैध खनन बंद नहीं हो सका | 
वर्ष 2012 में भरतपुर के जिला पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने पहाड़ी के नागल खनन जोन में अवैध खनन के खिलाफ दविश दी थी जिसमे खनन,वन और पुलिस विभाग की संयुक्त कार्यबाही में करीब 105 लोग मौके से गिरफ्तार किये गए व् करीब दो दर्जन मशीनरी जप्त की थी | 
जब खनन विभाग के अधिकारीयों से अवैध खनन को नहीं रोकने का कारण जानना चाहा तो उनका कहना है की उनको इस बारे में कोई जानकारी नहीं है लेकिन वे मौके पर जाकर जांच करेंगे और कार्यबाही करेंगे तो वहीँ पुलिस अधिकारीयों का कहना है की अवैध खनन को रोकने के लिए पुलिस,खनन व् वन विभाग को संयुक्त कार्यबाही करनी चाहिए और अवैध खनन को रोकना सभी विभागों की जिम्मेदारी भी है |   
अब सवाल उठता है की जिस खनन व् वन विभाग की जिम्मेदारी प्राकर्तिक पहाड़ियों को सुरक्षित रखा है वे विभाग के अधिकारी आखिर समय समय पर अपनी जमीन का मौका मुआइना क्यों नहीं कर पाते है 

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