दिल्ली एम्स में स्वस्थ बच्चे को जन्म देने वाली कोरोना पीड़ित मां उसे स्तनपान करा रही है। डॉक्टरों का कहना कि बच्चे को कोरोना संक्रमण का खतरा बहुत कम है। इसके लिए जरूरी एहतियात बरते जा रहे हैं, लेकिन उसे स्तनपान कराना जरूरी है। दिल्ली एम्स के पल्मनरी विभाग के प्रो.डॉक्टर विजय हड्डा का कहना कि बच्चे को कोरोना संक्रमण का थोड़ा जोखिम तो है, लेकिन उसके लिए स्तनपान ज्यादा जरूरी है। उन्होंने कहा कि अभी तक किसी शोध में यह सामने नहीं आया है कि कोरोना संक्रमित मां का दूध पिलाने से बच्चे को संक्रमण का खतरा है। हां, मां के सपंर्क में आने से उसे सांस या वाटर ड्रॉपलेट्स के जरिए संक्रमण का खतरा जरूर है एम्स में बच्चे को जन्म देने वाली महिला कोरोना संक्रमित जरूर है लेकिन उसे इसके लक्षण नहीं हैं। एहतियात के तौर पर महिला को मास्क और ग्लव्स पहनाया जाता है। हाथों की सफाई का ख्याल रखा जा रहा है ताकि वह बच्चे को छू ले तो संक्रमण का खतरा न हो। एम्स के फिजियोलॉजी विभाग के डॉक्टर के संक्रमित होने के बाद उनकी गर्भवती पत्नी और भाई को भी कोरोना संक्रमण हो गया था। शुक्रवार को एम्स के 10 डॉक्टरों ने गर्भवती पत्नी की डिलिवरी कराई। इस दौरान एम्स में भर्ती उनकी पत्नी के आइसोलेशन कक्ष को ही ऑपरेशन थिएटर बना दिया गया था। एम्स में कोरोना पीड़ित महिला से जन्मे बच्चे को फिलहाल एहतियात के साथ मां के पास ही छोड़ा गया है। बच्चे का शनिवार को सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा है। फिलहाल बच्चा और मां स्वस्थ हैं बच्चा स्तनपान कर रहा है।
एम्स के डॉक्टर विजय हुड्डा का कहना है कि, दुनियाभर में हुए शोध के मुताबिक बच्चों को कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा बेहद कम है। अगर वे संक्रमित हो जाएं तो उन्हें गंभीर बीमारी होना का खतरा कम होता है। एक शोध में सामने आया कि कोरोना संक्रमित महिला की गर्भनाल के जरिये यह वायरस मां के पेट में पल रहे बच्चे को हो सकता है, लेकिन शोधकर्ताओं ने यह भी स्वीकार किया है कि इसके ठोस सबूत सामने नहीं आए हैं। जिन गर्भवती महिलाओं के शिशु को उनसे संक्रमण हुआ है, संभव है कि यह उनके संपर्क में आने से हुआ है।
रीजनल नार्थ
मां कोरोना पीड़ित तब भी नवजात बच्चे को स्तनपान कराना जरूरी