बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) के प्रोफेसरों ने कॉलेजों के निरीक्षण को लेकर अपने दोनों हाथ खडे कर दिए हैं। उनका कहना है कि मात्र साढे सात रुपए में करीब दो सौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित कॉलेजों का निरीक्षण के लिए भेजा जाता है जो कि सही नहीं है। इतनी कम राशि में प्रोफेसरों को इतनी दूरी पर जाना तकनीकी रुप से सही नहीं है। मालूम हो कि
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) से संबद्घ कॉलेजों की संबद्घता निरंतर रखने के लिए निरीक्षण किया जाना है। लेकिन, इन कॉलेजों के निरीक्षण से प्रोफेसरों ने इंकार कर दिया है। इसके पीछे प्रोफेसरों का तर्क है कि 750 रुपए निरीक्षण के लिए दिए जाते हैं, जबकि कई बार 200 किलोमीटर तक दूर तक भेजा जाता है। ऐसे में निरीक्षण कर पाना संभव नहीं है।
प्रोफेसरों ने बीयू प्रबंधन को पत्र लिखकर इस तरह के कई तर्क दिए हैं।अब बीयू प्रबंधन उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर संबद्घता कार्य में सहायता न करने की शिकायत कर कार्रवाई की अनुशंसा करने की तैयारी कर रहा है। बता दें कि निजी कॉलेजों का निरीक्षण करने के लिए प्रोफेसर हमेशा रुचि दिखाते हैं, इतना ही नहीं निरीक्षण कमेटी में रखने की अनुंशसा भी स्वयं करते हैं। लेकिन इस बार सब पीछे हट गए हैं। दरअसल, बीयू का दायरा आठ जिलों में है। वहीं इससे संबद्घ कॉलेजों की संख्या करीब 85 है। इसमें से दो दर्जन नए सरकारी और निजी कॉलेज खुलने वाले हैं। जिनका निरीक्षण किया जाना है। इसके लिए बीयू प्रबंधन ने प्रोफेसरों की टीम बनाने के लिए उनसे अनुमति मांगी, लेकिन प्रोफेसरों ने इंकार कर दिया।
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प्रोफेसरों ने कॉलेजों के निरीक्षण से किए हाथ खडे बोले-750 रुपए में नहीं जा सकते 200 किलोमीटर