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 शतरंज ने मुझे धैर्य रखना सिखाया : चहल

 शतरंज ने मुझे धैर्य रखना सिखाया : चहल

स्पिनर युजवेंद्र चहल क्रिकेटर बनने से पहले शतरंज के खिलाड़ी थे। चहल का कहना है कि शतरंज ने ही उन्हें क्रिकेट के मैदान पर संयमित होना सिखाया है। चहल राष्ट्रीय अंडर-12 शतरंज चैंपियन रहे हैं, इसके साथ ही उन्होंने विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप में भी देश का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने कहा, ‘शतरंज ने मुझे संयम बरतना सिखाया। इसलिए जब भी संभव होता है वह शतरंज देखते हैं और ऑनलाइन गेम खेलते हैं। साथ ही कहा कि कई बार ऐसा होता है कि क्रिकेट में आप भले ही अच्छी गेंदबाजी कर रहे हो पर आपको शायद विकेट नहीं मिलें।’ उन्होंने कहा, ‘इसी तरह एक टेस्ट मैच में आपने दिन में भले ही अच्छी गेंदबाजी की पर विकेट नहीं मिले हों पर आपको दूसरे दिन वापस आकर गेंदबाजी करनी होती है, ऐसे में आपको संयमित होने की जरूरत होती है। शतरंज ने इसमें मेरी काफी सहायता की है। इससे गेंदबाजी के दौरान विकेट मिलने तक के समय तक में धैर्य रख पाता हूं।’
शतरंज से क्रिकेट की ओर आने को लेकर इस स्पिनर ने कहा, ‘मुझे शतरंज और क्रिकेट के बीच चयन करना था। मैंने अपने पापा से बात की और उन्होंने कहा कि तुम्हारी पसंद है। मेरी क्रिकेट में ज्यादा रुचि थी इसलिए मैंने इसे चुना।’ अगर आईपीएल हो रहा होता तो वह रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर में खेल रहे होते पर अभी वह लॉकडाउन के समय में परिवार के साथ समय बिता रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे परिवार के साथ समय बिताने का ज्यादा समय नहीं मिलता। कई साल के बाद मैं घर पर हूं। मैं अपने परिवार के साथ समय बिता रहा हूं। यह अच्छा और नया अनुभव है। मैं देर रात सोता हूं और सुबह देर से उठता हूं और शाम में परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताता हूं।’ उन्होंने सभी लोगों से लॉकडाउन के नियमों का पालन करने को भी कहा है। 
उन्होंने कहा कि उनके आदर्श ऑस्ट्रेलिया के स्पिनर शेन वॉर्न हैं। चहल ने इंग्लैंड में 2019 विश्व कप में लिए दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज फाफ डु प्लेसिस के विकेट को अपने सर्वश्रेष्ठ विकेट में से एक बताया है। उन्होंने कहा, ‘यह मेरा पहला विश्व कप था। मैंने फाफ को आउट किया जो बड़े मैच में बड़ा विकेट था।’ 
 

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