ज्योतिषियों की माने तो मंगल पर्वत अविकसित हो तो जातक डिप्रेशन का मरीज हो जाता है। ऊपर का मंगल यदि बुध पर्वत की ओर खिसका हो तो जातक का स्वभाव उग्र होता है। मंगल पर्वत पर कोई क्रास का निशान या द्वीप से व्यक्ति को सिरदर्द, थकान, गुस्सा जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वह हमेशा अपने को एक कुशल योद्धा समझता है। इसके चलते उसके शरीर की चीरफाड़ तक हो सकती है तथा अत्याधिक मात्रा में रक्त भी बह सकता है। मंगल पर्वत से निकलकर कोई रेखा यदि जीवनरेखा तक आए तो वह रेखा को जीवन रेखा जहां काट रही हो उस समय तथा उम्र में किसी दुर्घटना अथवा लड़ाई में अपने शरीर का कोई अंग भी गंवा सकता है। इसके अतिरिक्त यदि मगंल के उस पर्वत से कोई रेखा चंद्र पर्वत तक जाए तो ऐसा जातक निर्णय लेने में विलंब तथा लगातार अनियमित कार्य करने का आदी होता है। इस पर्वत पर कोई अशुभ चिह्न व्यक्ति को आर्थिक मुसीबतों और पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है और उसकी वाणी प्रभावित होती है। यह मंगल पर्वत यदि चंद्र पर्वत से दबा हो तो उसे सफलता ना मिलने के कारण चिड़चिड़ापन भी होता है।
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मंगल पर्वत के अविकसित होने से हो जाता है डिप्रेशन -सिरदर्द, थकान, गुस्सा जैसी समस्याएं भी होगी