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चीन के साथ वार्ता में पाक में भारी निवेश पर जताई चिंता

चीन के साथ वार्ता में पाक में भारी निवेश पर जताई चिंता

 हाल के दिनों में पाकिस्तान के साथ बढ़े तनाव से अलग  भारत और चीन के बीच पिछले दिनों हरियाणा के मानेसर में उच्चस्तरीय ट्रैक-2 स्तर की बैठक का आयोजन ‎किया गया, जिसमें दोनों देशों की ओर से पूर्व डिप्लोमैट्स, सैन्य अधिकारी और विद्वान शामिल हुए। वार्ता में भारतीय दल ने पाकिस्तान में चीन की ओर से किए जा रहे भारी निवेश पर कई सवाल उठाए।  भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई पूर्व राजदूत शिवशंकर मेनन ने की। शिवशंकर मेनन इंस्टीट्यूट ऑफ चाइनीज स्टडीज की एडवाइजरी बोर्ड के चेयरमैन हैं और वह इससे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार  रहे हैं, साथ ही वह इंडिया चाइना बाउंड्री क्वेश्चन (एसआर)से भी जुड़े हए हैं। वहीं चीनी दल की अगुवाई पूर्व स्टेट काउंसलर और एसआर डाई बिनगोओ ने की। डाई बिनगोओ के एसआर के हटने के 6 साल बाद उनकी भारत की यह पहली यात्रा है।
यह वार्ता का दूसरा दौर था। इससे पहले वार्ता का पहला दौर चीन के चेंगडु के मिशान में नवंबर 2017 में चला था। भारत में होने वाले दूसरे दौर की वार्ता पहले मणिपाल में होनी थी, लेकिन आ‎खिरी समय में लौजिस्टिक्स मामले के कारण वार्ता स्थल में बदलाव किया गया और इसे मानेसर में शिफ्ट कर दिया गया। यह वार्ता बंद दरवाजों के बीच हुई। सूत्रों से ‎मिली जानकारी के मुता‎बिक दो दिवसीय वार्ता में भारत और चीन के बीच कई मुद्दों पर बात की गई जिसमें दोनों देशों के बीच सीमा विवाद, सैन्य मामले, अंतरराष्ट्रीय मामले, आतंकवाद, पाकिस्तान, सीपीईसी और बीआरआई जैसे मुद्दे शामिल रहे। दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को और बेहतर करने के तरीकों पर बातचीत की गई। हालांकि देश में अभी चुनावी माहौल है और चुनाव के बाद इन मसलों पर आगे बढ़ने पर बात की गई। भारतीय दल ने इस वार्ता में बीजिंग के इस्लामाबाद के साथ गहरे रिश्तों पर सवाल उठाया। साथ ही सीपीईसी (चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) में उसके भारी निवेश को लेकर भी चिंता जताई क्योंकि इससे भारत की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन हो रहा है। सूत्रों के मुता‎बिक, भारतीय दल की ओर से वार्ता में 1267 यूएनएससी समिति में आतंकियों को बचाने को लेकर मामला उठाया गया, लेकिन चीनी दल ने कहा कि यह फैसला उनकी ओर से नहीं लिया गया है। यह फैसला शीर्ष स्तर के नेतृत्व की ओर से लिया गया है। वार्ता में चीनी दल की ओर से पाकिस्तान में भारी मात्रा में निवेश पर सफाई देते हुए कहा गया कि ऐसा करने से वहां पर स्थिरता आएगी जिससे आतंकवाद पर लगाम कसा जा सकेगा। चीनी दल में शामिल एक प्रतिभागी ने सुझाव देते हुए कहा कि भारत और चीन को एक संयुक्त प्रोजेक्ट पाकिस्तान में लगाया जाना चाहिए।

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