दिल्ली एम्स कोरोना के इलाज के लिए रोबोट के इस्तेमाल पर विचार कर रहा है। इसका मकसद अपने स्वास्थ्यकर्मियों को वायरस के संपर्क में आने से बचाना है। दिल्ली एम्स में अधिकारियों की बैठक में इस पर चर्चा भी हुई। एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर का कहना है कि दुनिया के कई अस्पतालों में रोबोट की मदद ली जा रही है। वहां रोबोट कोरोना वार्ड के फ्लोर साफ करने और मरीजों तक दवा पहुंचाने का काम कर रहे हैं। दिल्ली एम्स में बैठक में भी इस तरह के रोबोट लेने पर चर्चा हुई। अगली बैठक में इस पर फैसला लिया जा सकता है। एम्स सूत्रों के अनुसार अभी एक टीम यह भी देखेगी कि यह कितने काम का है। इसके बाद रोबोट के इस्तेमाल के बारे में फैसला किया जाएगा। हालांकि, बैठक में ज्यादातर प्रशासनिक अधिकारी इसे लेकर गंभीर थे और अगली बैठक में इस पर फैसला लिया जा सकता है। एम्स के संक्रामक रोग विशेष डॉक्टर के अनुसार, यह वायरस बहुत ही तेजी से फैलता है। कुछ शोध में यह भी सामने आया है कि यह वायरस 14 फुट दूर तक जा सकता है और हवा में भी कई घंटों तक रह सकता है। ऐसे में रोबोट की मदद से कोरोना वार्ड में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए वायरस के संपर्क में आने का खतरा कम होगा।
साइंस & टेक्नोलॉजी
रोबोट का प्रयोग कर सकता है एम्स!