
कोरोना लाकडाउन के दौरान अमेरिका के ग्लैडस्टोन इंस्टीट्यूट ने लोगों से अपील की है कि वे अपने फ्रिज और डीप फ्रीजर साफ करें। साथ ही उसमें रखा गया सामान भी दिन में दोबारा साफ करें, ताकि वायरस के संक्रमण को पूरी तरह खत्म किया जा सके। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण दुनियाभर में चार अरब 80 करोड़ लोग लॉकडाउन या लॉकडाउन जैसी परिस्थिति में रह रहे हैं। दुनियाभर में लोगों ने डीप फ्रीजर में सामान भर दिया है, ताकि हालात ज्यादा खराब होने के समय यह सामान काम आए। इस सामान में ज्यादातर खाने-पीने का सामन हैं, कोल्ड ड्रिंक से लेकर ड्रिंक तक। गार्जियन के अनुसार हम सामान्य रूप से फ्रिज और डीप फ्रीजर को सुरक्षित मानते हैं। मगर अब अमेरिकन सोसाइटी ऑफ माइक्रोबायोलॉजी ने वर्ष 2010 में सार्स वायरस के ऊपर किए गए शोध के आधार पर एक चेतावनी जारी की है।सोसाइटी के मुताबिक सार्स वायरस और कोरोना वायरस का रूप एक जैसा ही है।
कोरोना वायरस डीप फ्रीजर में 28 दिन तक जिंदा रह सकता है, यानी चार हफ्ते तक। ग्लैडस्टोन इंस्टीट्यूट के डॉ. वार्नर ग्रीन का कहना है कि यदि आप मानसिक शांति चाहते हैं तो डीप फ्रीजर में रखे सामान को सैनिटाइज करें। डीप फ्रीजर को भी साफ रखें और खुद को भी। लॉकडाउन से पैदा हुए हालात में लोगों को राहत देने के लिए सरकारों ने ऑनलाइन डिलीवरी को बढ़ावा देने का फैसला किया है। कंपनियां अपनी तरफ से साफ-सफाई की खास रणनीति भी अपना रही हैं। फिर भी आपको अपनी तरफ से सामान लेने और उसे रखने में कुछ सतर्कता बरतनी चाहिए। ऐसा करने में कोई बुराई नहीं है और आप कोरोना वायरस संक्रमण की आशंका को न्यूनतम करने में अपना योगदान करेंगे। बता दे कि लॉकडाउन के दौर में फ्रिज और डीप फ्रीजर आम लोगों व दुकानदारों के लिए बहुत काम की चीज बन गई है। मगर यह काम की चीज कोरोना वायरस के आराम की चीजअनुसार अमेरिका बन गई है। घरों से लेकर बड़े-बड़े मेगा स्टोरों में सामान तो रखने के लिए रखे गए डीप फ्रीजर कोरोना वायरस की शरणस्थली बन गए हैं।