एक नए शोध के मुताबिक, अगर आपकी आंखों के भीतर छोटा सा पीला धब्बा है तो सावधान हो जाइए, यह डिमेंशिया का शुरुआती लक्षण हो सकता है। शोधकताओं की माने तो इस तरह के निशान को सामान्य तौर पर बढ़ती उम्र का संकेत माना जाता है और 40 से ज्यादा की उम्र वाले लोगों में ये दिखाई देते हैं। इस छोटे से निशान को ‘हार्ड ड्रुसेन’ कहते हैं, जो चर्बी और कैल्शियम के जमने से बनता है। रेटिना के नीचे इस निशान को स्कैनिंग के दौरान देखा जा सकता है। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि आंखों में रक्त धमनियों का दिखाई देना भी डिमेंशिया के विकसित होने के संकेत हो सकते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि इन निशानों की जांच कर अल्जाइमर जैसी बीमारी का जल्द पता लगाने में मदद मिल सकती है। लंदन के फोकस क्लीनिक के मेडिकल निदेशक और लेजर आई सर्जन डेविड अलामबाय का कहना है, ‘आंखों को हमेशा से ही शरीर की खिड़की माना जाता है। आंखों का स्वास्थ्य ही व्यक्ति के पूरे स्वास्थ्य की जानकारी दे देता है। आंखों की जांच से दिल की बीमारी, मधुमेह और यहां तक ब्रेन ट्यूमर का आसानी से पता लगाया जा सकता है।’ उन्होंने बताया कि रेटिना सेंट्रल नर्वस सिस्टम का एक हिस्सा होता है और दिमाग के साथ इसका जुड़ाव रहता है। ऐसे में आंखों की जांच से दिमाग में हो रहे बदलाव का पता लगाया जा सकता है।शोधकर्ताओं ने पाया कि अल्जाइमर से पीड़ित 25 फीसदी मरीजों की आंख में पीले रंग का निशान मिला। जबकि सिर्फ एक फीसदी लोग ऐसे थे, जो स्वस्थ थे, लेकिन उनकी आंख में यह निशान था। अभी तक माना जाता था कि आखों में पीले धब्बे से कोई नुकसान नहीं होता। मगर बेलफास्ट की क्वींस यूनिवर्सिटी ने 60 से 92 साल की उम्र वाले 117 मरीजों पर शोध किया, जिसमें पाया गया कि अल्जाइमर पीड़ितों में पीले व सफेद रंग के निशान स्वस्थ लोगों की तुलना में ज्यादा पाए जाते हैं।
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आंखों में पीला धब्बा हो तो हो जाए सावधान -हो सकता है डिमेंशिया का खतरा