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चीन को पछाड़ टाटा मोटर्स ने 10 लाख गाड़ियां बेचने का बनाया कीर्तिमान

चीन को पछाड़ टाटा मोटर्स ने 10 लाख गाड़ियां बेचने का बनाया कीर्तिमान

प्रसिद्ध वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स  ने चीन को पछाड़ कर सर्वाधिक वाहन 10 लाख बेचने का कीर्तमान बनाया है। कंपनी की ग्लोबल रैंकिंग भी सुधरी है और अब वह दुनिया की 16वीं सबसे बड़ी लाइट वीइकल मेकर (छोटी गाड़ियां बनाने वाली) है। टाटा मोटर्स ने चीन की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी चांगन और एसएआईसी को पीछे छोड़ दिया है। विदेशी मार्केट्स में 10 लाख यूनिट की बिक्री को एक अच्छा लेवल माना जाता है। टाटा मोटर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर गुंटर बुश्चेक ने बताया कि कंपनी ने कई शानदार गाड़ियां लाकर दुनिया भर के कस्टमर्स के साथ मजबूत रिश्ता बनाया है। उन्होंने वादा किया कि कंपनी अपने पोर्टफोलियो में कमियों को दूर करने की कोशिश करती रहेगी। टाटा मोटर्स ग्रुप की 2018 में ग्लोबल लेवल पर लाइट वीइकल सेल्स 10।49 लाख यूनिट रही। 2017 में कंपनी ने 9।86 लाख गाड़ियां बेची थीं। लाइट वीइकल्स में कार, यूटिलिटी वीइकल, वैन और 3।5 टन तक के छोटे पिकअप ट्रक शामिल हैं।
ऑटोमोटिव कंसल्टेंसी फर्म जेएटीओ डायनेमिक्स के अनुसार, टाटा मोटर्स दुनिया की टॉप 20 कार कंपनियों में तीसरा सबसे तेजी से बढ़ने वाला ब्रैंड है। जेएटीओ के ग्लोबल एनालिस्ट फेलिपे मुनोज ने बताया कि यह भारतीय कंपनी की बड़ी उपलब्ध है। ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी भारतीय ऑटो कंपनी ने विदेश में 10 लाख से अधिक गाड़ियां बेची हैं। मुनोज ने कहा कि 10 लाख गाड़ियां बेचना अच्छी बात है, लेकिन यह काफी नहीं है। टाटा मोटर्स वॉल्यूम के लिहाज से देश की सबसे बड़ी कार कंपनी है, यह दुनिया की बड़ी ऑटो कंपनियों से काफी पीछे है। मुनोज ने बताया, 'पिछले साल टाटा मोटर्स दुनिया की 16वीं सबसे बड़ी लाइट वीइकल कंपनी थी। वह जापान की सुबारू के करीब पहुंच रही है। उसने चीन की कुछ ऑटो कंपनियों को भी पीछे छोड़ा है। टाटा मोटर्स की ब्रिटिश इकाई जैगवार लैंड रोवर (जेएलआर) ने अपने मॉडल्स की रेंज बढ़ाई है। उसने नई टेक्नोलॉजी वाली कारें लॉन्च की हैं। प्रीमियम सेगमेंट में जेएलआर का मार्केट शेयर करीब 5।5 फीसदी है, लेकिन टाटा को दूसरे सेगमेंट में भी बिक्री बढ़ाने की जरूरत है। जेएटीओ दुनिया भर में 54 देशों को कवर करती है। इन देशों की पैसेंजर कारों और लाइट कमर्शियल वीइकल (एलसीवी) की ग्लोबल सेल्स में करीब 90 फीसदी हिस्सेदारी है। मुनोज ने बताया कि भारतीय कार कंपनियां विदेश में बिक्री बढ़ाने के लिहाज से चीन की कंपनियों से बेहतर स्थिति में हैं। 

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