महाराष्ट्र में विधान परिषद का चुनाव टलने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को राज्यपाल कोटे से विधान परिषद (एमएलसी) का सदस्य बनाया जाएगा. महाराष्ट्र कैबिनेट में इसको लेकर प्रस्ताव पास हो गया है और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से इसको लेकर अनुरोध किया गया है. बता दें कि महाराष्ट्र विधान परिषद के 9 सदस्यों का कार्यकाल 24 अप्रैल को खत्म हो रहा है. इन 9 विधान परिषद सीटों पर चुनाव होने थे, जिन्हें कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए टाल दिया गया है. पहले यह संभावना थी कि विधान परिषद की 9 सीटों में से किसी एक सीट पर उद्धव ठाकरे चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन अभी यह विकल्प मौजूद नहीं है. इसके बाद से ही उद्धव की सीएम पद की कुर्सी पर संकट के बादल मंडरा रहे थे. हालांकि अब बादल छंटते नजर आ रहे हैं. दरअसल संविधान की धारा 164 (4) के अनुसार, किसी राज्य के मुख्यमंत्री का 6 महीने के अंदर ही सदन का सदस्य होना अनिवार्य होता है. उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को सीएम पद की शपथ ली थी. ऐसे में सीएम पद को बनाए रखने के लिए 28 मई से पहले ही उनका विधानमंडल का सदस्य होना जरूरी है. इस बीच महाराष्ट्र में राज्यपाल द्वारा मनोनीत होने वाली विधान परिषद की जो दो सीटें खाली हैं इन्हीं में से एक सीट पर कैबिनेट ने उद्धव ठाकरे के नाम को नामित करने के लिए राज्यपाल के पास सिफारिश भेजी है. अगर राज्यपाल सहमत हो जाते हैं तो उद्धव ठाकरे अपनी कुर्सी बचाए रखने में सफल हो सकते हैं.
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टल जायेगा सीएम ठाकरे का टेंशन, बच जाएगी सीएम की कुर्सी - राज्यपाल कोटे से एमएलसी बनाने की कवायद - अब राज्यपाल के निर्णय पर टिकी सबको निगाहें