जायफल औषधीय गुणों से भरपूर होता है।यह छोटे बच्चे अक्सर पेट या मौसमी बीमारियों से परेशान रहते हैं। ऐसे में आप जायफल की सही मात्रा देकर अपने शिशु को इन तकलीफों से छुटकारा दिला सकती हैं। अक्सर बच्चों के पेट में गैस बनने लगती है जिसकी वजह से वह चिड़चिड़े हो जाते हैं। ऐसे में उनकी डायट में जायफल शामिल कर के इस समस्या से छुटकारा दिलाया जा सकता है। उन्हें जायफल देने से पेट में ऐंठन या दर्द से तुरंत आराम मिलेगा।बच्चों के लिए जायफल का उपयोग लंबे समय से किया आता जा रहा है। बेबी की दूध की बॉटल में थोड़ा सा जायफल पाउडर मिला देने से वह शांत हो कर सो जाते हैं। इससे उनके पेट में भी कोई तकलीफ नहीं होती जिससे वे अक्सर सोते समय उठ जाते हैं। शिशुओं का पाचन तंत्र ठीक से डेवलप न होने के कारण उन्हें अपच की समस्या हो सकती है। ऐसे में आपके उन्हें ठोस आहार देने से उनके पेट में दर्द, गैस, या दस्त भी हो सकता है। दस्त के समय शिशु को जायफल देना कारगर साबित हो सकता है। यह चमत्कारिक मसाला शरीर को गर्माहट प्रदान करता है। जिससे उनकी सर्दी और खांसी कुछ समय में ठीक हो जाती है। बच्चे की ठंड के लिए जयफल देना सबसे प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक है। अपने बच्चे के आहार में इस मसाले को शामिल करने के लिए सबसे पहले इसे किसी साफ पत्थर पर 1 चम्मच दूध या पानी के साथ पीस लें। इसके बाद इस पेस्ट को अपने बच्चे के दूध, दलिया, अनाज आदि में मिला कर दे दें। यदि आपका शिशु छह महीने से अधिक उम्र का है तो गर्मियों के मौसम में इसे दिन में एक बार 0.5 मिलीग्राम और सर्दियों में 0.5 मिलीग्राम दो बार दे सकती हैं। हालांकि, अपने बच्चे के डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही इसे उसके आहार में शामिल करें। जायफल खिलाते वक्त आपको बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। जब तक बच्चा 6 महीने का नहीं हो जाता है, तब तक आपको अपने बच्चे को जयफल या कोई अन्य मसाला नहीं देना चाहिए।
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औषधीय गुणों से भरपूर होता है जायफल -शिशु में लूज मोशन, गैस का है रामबाण इलाज