कोरोना वायरस के चलते हुई मौत के बाद शव परिजनों को सौंप दिया था। परिजन शव को अंतिम संस्कार के लिए सोनीपत ले गए तो वहां उसके संपर्क में आने से कई लोग संक्रमित हो गए। अस्पताल की इस लापरवाही के चलते दिल्ली पुलिस ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ महामारी एक्ट और आईपीसी एक्ट की कई धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दिल्ली पुलिस ने अस्पताल प्रशासन को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस दिया है। दिल्ली पुलिस का कहना हैं कि मामले में लापरवाही सामने आने के बाद स्थानीय एसडीएम ने जांच के आदेश दिए थे। जांच के बाद अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सामने आई थी। पुलिस की रिपोर्ट पढ़ने के बाद स्थानीय एसडीएम ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए। पुलिस ने एसडीएम के आदेश के बाद केस दर्ज कर जांच को शुरू कर दी है।
दिल्ली सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, अगले आदेश तक दिल्ली में बिना चेहरा ढके निकलना अपराध की श्रेणी में आएगा। यह आदेश दिल्ली के सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए भी लागू होगा। सरकारी बैठकों में हिस्सा लेने वाले अधिकारियों को भी मास्क लगाना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य कारण हो या कोई भी अन्य कारण बिना मास्क पहने कोई व्यक्ति दिल्ली में नहीं निकल सकेगा। मुख्य सचिव विजय देव ने कहा, कुछ दिनों के लिए इस प्रकार के कड़े फैसले लेने की जरूरत है, ताकि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को रोका जा सके। मालूम हो कि दिल्ली में कोरोना वायरस के कारण 3 लोगों की मौत हो गई और संक्रमण के 51 नए मामलों की पुष्टि हुई जिसके साथ संक्रमित लोगों की संख्या 720 पर पहुंच गई। दिल्ली सरकार के अधिकारियों का कहना हैं कि संक्रमित लोगों में से 430 लोग निजामुद्दीन मरकज में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। शहर में संक्रमितों की संख्या 669 और मृतकों की संख्या नौ थी।
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परिजनों को सौंपा कोरोना पीड़ित शव, घर के कई लोग संक्रमित, अस्पताल पर केस दर्ज