कश्मीर की सरकार ने कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के अंदेशे से कश्मीर के 42000 रूसी चिनार के पेड़ काटने का प्रस्ताव तैयार किया है। कश्मीर के संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक में कहा गया कि मौसम की शुरुआत से पहले पराग से होने वाले संक्रमण को रोकने के लिए कश्मीर के 42000 मादा रूसी पॉपलर के पेड़ों को गिराने की जरूरत है। सूत्रों के अनुसार घाटी के कुछ हिस्सों में पेड़ों को गिराने का काम शुरू भी हो चुका है।
पर्यावरण और रोजगार की दृष्टि से यह निर्णय कश्मीर की आबोहवा को पूरी तरह बदल देगा। दुनिया में अभी तक यह प्रमाण नहीं मिला है। पेड़ों के पराग से भी संक्रमण फैल सकता है। लेकिन कश्मीर घाटी में इतनी बड़ी संख्या में पेड़ काटना विनाशकारी साबित होगा।
डॉक्टरों की राय से कट रहे हैं पेड़।
डॉक्टर्स एसोसिएशन कश्मीर से जुड़े डॉक्टर सुहेल नाइक ने कहा है कि अगर पेड़ों की कटाई अथवा छटाई नहीं की जाती है, तो रूसी चिनार के मादा पेड़ से काटन जैसा जो पदार्थ निकलता है। वह एलर्जी फैलाने वाला तथा कोरोनावायरस के संक्रमण को फैला सकता है, जो बाद में खांसी बुखार और जुकाम का कारण बनता है। इस राय को देखते हुए संभागीय आयुक्त ने 42000 पेड़ों को काटने की सहमति दे दी। जबकि इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण किसी के पास उपलब्ध नहीं है।
रीजनल नार्थ
कश्मीर में रूसी चिनार के 22000 पेड़ों को काटने के आदेश