उप्र ही नहीं, बल्कि देशभर में कोरोना से जंग में आगरा मॉडल नजीर बन गया है। यहां प्रदेश में सबसे पहले हॉटस्पॉट घोषित किए गए थे।6 अप्रैल को 22 हॉस्टस्पॉट जोन बने थे। वर्तमान में इनकी संख्या 29 है। शनिवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने आगरा को रोल मॉडल बताकर तारीफ की। अभी तक जो रणनीति आगरा के पुलिस-प्रशासन ने लागू की उस प्रजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने प्रशंसा की। उप्र में सबसे पहले आगरा में बनाए गए हॉटस्पॉट जोन, कांटेक्ट ट्रेसिंग पर ध्यान दिया गया। उसी का परिणाम रहा कि आगरा रोल मॉडल बन सका।
प्रेसवार्ता में संयुक्त सचिव ने कहा कि इटली से घूमकर आगरा आए एक परिवार के सदस्यों में सबसे पहले कोरोना की पुष्टि हुई थी। पुलिस-प्रशासन ने बेहतर तालमेल दिखाकर परिवार के सदस्य कहां-कहां गए? इसकी पूरी ट्रैसिंग की गई। तीन किलोमीटर को कंटेंटमेंट और पांच किलोमीटर को बफर जोन में बदला गया। 1248 मेडिकल टीमों का गठन कर अब तक नौ लाख लोगों का सर्वे किया गया 2500 लोग खांसी, जुकाम और बुखार से पीड़ित मिले। इन पर नजर रखी जा रही है।
यूं बना रोल मॉडल
नगर निगम में कमांड एंड कंट्रोल रूम बनाया गया है। सेहत की जांच, आगरा लॉकडाउन मॉनीटरिंग एप, चेक ग्रॉसरी एप लांच किया जा चुका है। टेली मेडिसिन की सुविधा मिल रही है। आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी हो रही है।आवश्यक सेवाओं में दिक्कत न हो, इसके लिए मैनुअल पास जारी किए गए। 3 अप्रैल से ई-पास जारी हो रहे हैं। कम्युनिटी किचन शुरू किया गया। जनसहयोग से 50 हजार के करीब खाने के पैकेटों का वितरण कराया जा रहा है। दवाओं की होम डिलीवरी की सुविधा शुरू की गई।
रीजनल नार्थ
देश में कोरोना से जंग में आगरा मॉडल बना नजीर, पुलिस और प्रशासन ने दिखाया बेहतर तालमेल