दिल्ली के साउथ मोती बाग इलाके में पड़ने वाले शास्त्री मार्केट इलाके के लोग दिल्ली पुलिस की तारीफों के पुल बांध रहे हैं। लोगों का मानना है कि अगर पुलिस ने सूझबूझ न दिखाई होती तो इस इलाके में कोराना के संक्रमण को रोक पाना आसान नहीं होता। शास्त्री मार्केट के इस इलाके में जैसे ही कोरोना का पहला मामला सामने आया साउथ कैंपस थाने के एसएचओ पारस वर्मा और उनकी टीम ने एक पल की भी देरी किए बिना कोरोना पीड़ित के घर और उसके आस-पास के इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया। साथ ही कोरोना पीड़ित के पूरे परिवार को ही राम मनोहर लोहिया अस्पताल के आईसोलेशन सेंटर में भेज दिया। हैरानी की बात ये है कि जब घर के बाकी लोगों के टेस्ट कराये गए तो परिवार के दूसरे चार लोगों की भी कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
अगर पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करने में थोड़ी भी देरी की होती तो इस बात का अंदाज लगा पाना भी मुश्किल हैं कि स्थित कितनी भयावह हो जाती। शास्त्री मार्केट के इस इलाके में लोगों की मदद में लगे इस महीने की 4 अप्रैल को कोरोना का पहला मामला सामने आया था। झुग्गियों के इस इलाके में कोरोना संक्रमण का मामला सामने आते ही एसएचओ पारस वर्मा ने अपनी टीम के साथ काफी तत्परता दिखाई। जिससे कोरोना का संक्रमण फैलने से रुक गया। अब इस इलाके को सील कर दिया गया है। दिल्ली में कोराना के संक्रमण पर रोक लगाने के लिए सरकार ने कुल 33 हॉटस्पॉट की पहचान कर उसे सील कर दिया है। इन हॉटस्पॉट में रहने वाले लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। जिन 33 हॉटस्पॉट को सील किया गया है उनमें दिल्ली के साउथ मोती बाग इलाके में शास्त्री मार्केट भी शामिल है। दिल्ली पुलिस ने इस इलाके में आने जाने वाले रास्तों को बंद कर दिया है और लोगों की मदद के लिए साउथ कैंपस थाना ने पुलिस की मुस्तैदी बढ़ा दी है। बता दें कि शास्त्री मार्केट की आबादी करीब 4 हजार है। कोरोना का संक्रमण को रोकने के लिए लोगों को घरों से बाहर निकलने पर पूरी तरह रोक लगा दी है।
रीजनल नार्थ
दिल्ली पुलिस की सूझबूझ ने तोड़ी कोरोना की चेन