
स्मार्टफोन के सर्विस सेंटर पहुंचने की मुख्य वजहों में से एक उनकी स्क्रीन का टूटना, चटकना या खराब होना है। यह बात एक आनलाइन सर्वें में सामने आई है। इसके अलावा किसी तीसरे पक्ष मोबाइल एप को डालने से भी आपके फोन की मरम्मत पर भारी खर्च उठाना पड़ सकता है। सर्वेक्षण के मुताबिक मोबाइल फोन की मरम्मत से जुड़े 71 प्रतिशत मामले स्क्रीन के नुकसान से संबंधित होते हैं। इसके बाद आठ प्रतिशत मामले फोन को स्टार्ट करने में आ रही दिक्कत, फोन छह प्रतिशत फोन को किसी तरह के नुकसान, तीन प्रतिशत फोन के पानी में गिर जाने और दो प्रतिशत सॉफ्टवेयर या चार्जिंग की समस्या से जुड़े मामले होते हैं।
सर्वेक्षण में चेतावनी दी गई है, कि लोगों को वे एप डालने से बचना चाहिए जो फोन के सॉफ्टवेयर के अनुकूल ना हो, क्योंकि इससे फोन के सॉफ्टवेयर को नुकसान होने का खतरा रहता है। रपट के अनुसार जिन स्मार्टफोन की स्क्रीन कर्व्ड यानी की किनारों पर सपाट नहीं होती है उनके टूटने-चटकने का खतरा सबसे अधिक बना रहता है। यह फोन महंगे भी आते हैं साथ ही इनकी मरम्मत भी महंगी होती है। रपट में कहा गया है कि किसी फोन की स्क्रीन टूटने से सिर्फ उसके लुक को नुकसान नहीं होता बल्कि इससे फोन के अन्य कई पार्ट खराब होने का भी खतरा रहता है, क्योंकि टूटी स्क्रीन से धूल, नमी फोन के अन्य हिस्सों तक पहुंच कर उन्हें खराब कर सकती है। रपट के अनुसार किसी स्मार्टफोन में सबसे महंगा हिस्सा उसका मदरबोर्ड होता है। यह फोन की पूरी कीमत के करीब 39 प्रतिशत के बराबर होता है। इसके बाद 23 प्रतिशत स्क्रीन, आठ प्रतिशत कैमरा, सात प्रतिशत पीछे के कवर, छह प्रतिशत बैटरी और करीब दो प्रतिशत हिस्सेदारी स्पीकर और रिसीवर की होती है।