दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि दिल्ली में कोरोना के 1510 मामले सामने आ चुके हैं लेकिन स्थिति 'ज़्यादा चिंताजनक नहीं' है। मनीष सिसोदिया ने डिजिटल प्रेस वार्ता में कहा, 'दिल्ली के ऊपर दो तरह का बोझ रहा है। पहला यह कि जब कोरोना का मामला सामने आना शुरू हुआ तो उस दौरान दुनिया भर से सभी भारतीयों को दिल्ली और मुम्बई एयरपोर्ट पर लाया गया और रखा गया। साथ ही विदेशों से यात्रा करके भी भारतीय लौटे जो संक्रमित होकर आए और उनसे यहां दूसरे लोग संक्रमित हुए। दूसरा मरकज़ के कारण भी मामले बढ़े। इन दोनों मामलों को छोड़ दें तो उसके बाद स्थिति बहुत ज्यादा चिंताजनक नहीं है।'
मनीष सिसोदिया बताया ' प्रधानमंत्री ने 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की है, हमें भी लगता है कि दिल्ली में इसे बढ़ाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री जी के साथ जब मुख्यमंत्री जी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुई थी तब मुख्यमंत्री जी ने जोर देकर कहा था कि इसे चालू रखना चाहिए और पूरे देश में इसकी जरूरत है।'
सोमवार रात दिल्ली का दैनिक हेल्थ बुलेटिन जारी किया गया। उस हेल्थ बुलेटिन में दिखाई दिया कि पिछले 24 घंटों में 356 नए मामले सामने आए हैं, जो कि अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा था। इन नए 356 मामलों में से 325 मरकज के थे। इसी के साथ कुल आंकड़ा पहुंच गया 1510। अब अगर इन 1510 कोरोना पॉजिटिव मरीजों का विश्लेषण करें तो 1510 में से 1071 यानी करीब 71% मामले निज़ामुद्दीन मरकज़ से निकाले गए लोगों या उनके संपर्क में आये लोगों के हैं। विदेश से आए लोग या उनके संपर्क में आये लोग जो कोरोना पॉजिटिव हुए उनकी संख्या है 377 यानी करीब 25% है। यानी करीब 96% दिल्ली के कोरोना पॉजिटिव मरीज़ दो कारणों से हैं, या तो मरकज़ से संबंधित हैं या विदेश से आये किसी व्यक्ति से संबंधित।
रीजनल नार्थ
दिल्ली में कोरोना के 1510 मामले, लेकिन स्थिति 'चिंताजनक नहीं' - सिसोदिया