कोविड-19 महामारी ने न केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति पैदा कर दी है, बल्कि लाखों श्रमिकों के लिए एक मानवीय संकट भी पैदा किया है। खासकर अनौपचारिक क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों ने अपनी आजीविका का स्रोत खो दिया है। दिल्ली सरकार ने देशव्यापी लाॅक डाउन की घोषणा के तुरंत बाद, इससे प्रभावित होकर बेरोजगार और बेघर हुए लोगों के लिए राहत उपायों की घोषणा की। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड द्वारा संचालित सभी 223 रैन बसेरों को दिल्ली में प्रभावित लोगों को भोजन और आश्रय प्रदान करने के लिए तत्काल खोल दिया। इसके अलावा, सरकार ने पूरी दिल्ली में प्रवासी श्रमिकों के लिए अस्थायी आश्रयों के साथ 1500 से अधिक हंगर राहत केंद्र भी शुरू किए।
दिल्ली सरकार ने स्वयंसेवकों और शोधकर्ताओं की टीम की मदद से अब ऐसे सभी राहत आश्रयों की मैपिंग की है। सरकार ने गूगल के साथ 1047 भोजन और रैन बसेरों के स्थानों को गूगल मैप्स पर प्रदर्शित करने के लिए साझेदारी की है। इसके साथ ही प्रतिदिन और रैन बेसेरे व भोजन केंद्रों को इससे जोड़ा जा रहा है। अब कोई भी आसानी से अपने नजदीक स्थित दिल्ली सरकार के भोजन केंद्र को ‘फूड शेल्टर’ पर टैप करके गूगल मैप्स ऐप पर या सर्च बॉक्स में जाकर ‘मेरे पास फूड शेल्टर’ शब्द टाइप करके खोज सकता है। सरकार ने मैप माई इंडिया के साथ भी भागीदारी की है और यह स्थान मैप माई इंडिया के सीओवीआईडी 19 गाइड https://maps.mapmyindia.com/corona और मूव ऐप (Move App) पर उपलब्ध हैं।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस साझेदारी का स्वागत करते हुए कहा कि जैसा कि हम लॉकडाउन बढ़ने के लिए पहले से ही तैयार हैं। हम अपने सभी भोजन वितरण केंद्र और रैन बसेरों तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने में गूगल इंडिया मैप्स के साथ मिलकर काम करने पर गर्व महसूस कर रहे हैं। हम लॉकडाउन से प्रभावित लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। गूगल इंडिया ने ट्विटर पर अपने बयान में कहा कि खाद्य और रैन बसेरे अब दिल्ली और 32 अन्य शहरों में मिल सकते हैं, ताकि जरूरतमंद लोगों की मदद की जा सके।
रीजनल नार्थ
दिल्ली के 1000 से अधिक खाना वितरण केद्र और नाइट शेल्टर अब गूगल मैप दिखेंगे