नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए जहां हर ओर सोशल डिस्टेंसिंग पर खासा जोर दिया जा रहा है, वहीं तिहाड़ में इसका सख्ती से पालन नहीं हो पा रहा है। इसका कारण, यहां की नौ में से आठ जेलों में क्षमता से कहीं अधिक कैदियों का बंद होना बताया जा रहा है। जिसके चलते इस नियम को चाहकर भी जेल प्रशासन 100 फीसदी लागू करने में कामयाब नहीं हो पा रहा है। हालांकि, तिहाड़ जेल के अडिशनल आईजी राजकुमार का कहना है कि कोशिश पूरी हो रही है। नए कैदियों को सीधे जेलों में न भेजकर जेल के अंदर अस्पताल में भेजा जा रहा है। कैदियों को बाहर के लोगों के संपर्क में नहीं आने दिया जा रहा है। लेकिन अडिशनल आईजी से जब यह पूछा गया कि जेल के अंदर हर रोज जेलर और अन्य स्टाफ तो आ-जा ही रहा है। ऐसे में अगर उनमें कोई कोरोना से संक्रमित हो और वह अंदर कैदियों में इसे फैला दे तो इसे कैसे रोका जाएगा? इसके जवाब में अडिशनल आईजी ने कहा कि हर दिन बाहर से आनेवाले स्टाफ की भी जांच की जा रही है। अभी तक सब ठीक है। जेल सूत्रों ने बताया कि तिहाड़ जेल में 15 अप्रैल तक कैदियों की संख्या पर गौर किया जाए तो नौ जेलों के इस कॉम्प्लेक्स में कैदियों को रखने की क्षमता 5200 कैदियों को रखने की है। लेकिन इसमें 10,309 कैदियों को रखा हुआ है।
रीजनल नार्थ
तिहाड़ में कैदियों में फैल सकता है संक्रमण