
मुंबई । कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में लॉकडाउन लागू है। मगर, प्रवासी मजदूर लॉकडाउन की धज्जियां उड़ा रहे हैं। गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में मुंबई-आगरा हाईवे पर पैदल चलते नजर आए, जबकि केंद्र और राज्य सरकारें इनसे लगातार जहां हैं वहीं रहने की अपील कर रहे हैं। मुंबई से मध्य प्रदेश के सतना की दूरी करीब 1200 किलोमीटर है, लेकिन दूरी की परवाह किए बिना मजदूर पैदल घर की तरफ चल रहे हैं। इन्हीं में से एक 60 साल के शख्स कहा कि 'पिछले 14 साल से मैं एचआईवी पॉजिटिव हूं, लेकिन मुझे पहले कभी डर नहीं लगा। मगर, ये पहला मौका है कि मैं डर रहा हूं।' बताया गया कि ये शख्स एक कंस्ट्रक्शन साइट पर अपने बेटे के साथ काम करता था. उनका बेटा भी उनके साथ घर लौट रहा था। बेटे ने कहा कि 'मैं अपने पापा को घर में बंद रखता था जिससे कि वो कोरोना से संक्रमित न हो जाए। डॉक्टरों ने इन्हें पॉष्टिक खाना खाने की हिदायत दी है। जैसे ही लॉकडाउन को बढ़ाया गया मेरा सब्र टूट गया।' घर वापस जाने वालों में 38 साल से नंदलाल निषाद भी हैं। वो 1400 किलोमीटर इलाहबाद पैदल चल पड़े हैं। वो करीब 20 साल पहले मुंबई आए थे। उन्होंने कहा, 'लॉकडाउन के शुरूआत में हमें एक वक्त का खाना मिलता था, लेकिन अब वो भी नहीं मिल रहा था।' इनमें से कई मजदूर सुबह 3 बजे मुंबई से चले और सुबह 8 बजे के करीब ये सब भिवंडी पहुंच गए। बता दें कि पिछले दिनों मुंबई के बांद्र इलाके में हजारों की संख्या में अफवाह के चलत मजदूर बाहर निकल आए थे। बाद में इन्हें समझाने के बाद वापस भेजा गया है।