YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

नेशन

50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम से मिलान किया गया तो पांच दिन लेट होंगे चुनाव नतीजे -निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया व्यवहारिक नहीं यह उपाय

50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम से मिलान किया गया तो पांच दिन लेट होंगे चुनाव नतीजे  -निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया व्यवहारिक नहीं यह उपाय

विपक्षी दलों द्वारा मतगणना में कम से कम 50 फीसदी वीवीपपैट पर्चियों के ईवीएम से मिलान की मांग वाली याचिका के जवाब में चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इससे लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित करने में  अनावश्यक विलंब होगा। आयोग ने इसकी व्यवहारिकता पर सवाल उठाते हुए कहा इसके लिए न सिर्फ बड़ी तादाद में सक्षम स्टाफ की जरूरत होगी, बल्कि बहुत बड़े मतगणना हॉल की भी दरकार होगी, जिनकी पहले से ही कुछ राज्यों में कमी है। विपक्षी दलों द्वारा ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान 50 फीसदी तक बढ़ाने की मांग अगर स्वीकार कर ली गई तो चुनाव नतीजे आने में लगभग 5 दिन का ज्यादा समय लग सकता है। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी है। 
दरअसल, 21 विपक्षी दलों के नेताओं ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की थी कि एक निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम 50 प्रतिशत वीवीपैट पर्चियों की मिलान किया जाए, ताकि चुनाव प्रक्रिया की शुद्धता पर आंच न आए। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से विचार करने को कहा था। अब चुनाव आयोग ने अपने जवाब में कहा अगर हर संसदीय या विधानसभा क्षेत्र की 50 प्रतिशत वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जाएगा तो इससे गिनती करने का समय बढ जाएगा। इसकी वजह से मतगणना में करीब 5 दिन का ज्यादा समय लग सकता है। निर्वाचन आयोग ने कहा कि यदि ऐसा किया गया तो लोकसभा चुनाव के नतीजे 23 मई की जगह 28 मई को ही हो पाएंगे। 
चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि फिलहाल ऑटोमैटिक रूप से पर्चियों के मिलान का तरीका उपल्ब्ध नहीं है। आयोग ने कहा फिलहाल कोई मैकेनिकल सिस्टम नहीं है, क्योंकि वीवीपैट से निकल रही स्लिप पर कोई बारकोड नहीं लगा है ऐसे में लोकसभा चुनाव के नतीजे 23 तो विधानसभा चुनाव के नतीजे 30 या 31 से पहले नहीं आ पाएंगे। चुनाव आयोग ने और भी कई चुनौतियों की बात कही है। आयोग के मुताबिक गिनती के लिए बड़े पैमाने पर सक्षम स्टाफ की जरूरत होगी। इतना ही नहीं, ऐसे गिनती करने के लिए बड़े काउंटिंग हॉल्स की जरूरत होगी, जिनकी कई राज्यों में पहले से कमी है। मौजूदा वक्त में चुनाव आयोग प्रत्येक क्षेत्र से कोई भी एक ईवीएम चुनकर उसकी पर्चियों का मिलान करता है। फिलहाल देश में कुल 10.35 लाख मतदान केंद्र हैं। औसतन एक विधानसभा क्षेत्र में 250 मतदान केंद्र हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, एक पोलिंग स्टेशन पर वीवीपैट काउंटिंग में फिलहाल एक घंटे का समय लगता है। लेकिन अगर इसे 50 प्रतिशत तक बढ़ाया गया तो इसमें औसतन 5.2 दिन लगेंगे। 
बता दें कि विपक्षी दलों की तरफ से सीनियर वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा था कि ऐसा करने से चुनाव परिणाम की घोषणा में अधिक से अधिक तीन-चार घंटों का ही विलंब होगा, लेकिन चुनाव प्रक्रिया पर लोगों का भरोसा बढ़ेगा। शुक्रवार को अपना पक्ष रखते हुए चुनाव आयोग ने 22 मार्च को दी गई रिपोर्ट का भी जिक्र किया। इसमें एक अंडरटेकिंग देते हुए बताया गया था कि कुल 10.35 लाख ईवीएम और वीवीपैट मशीनों में से 479 वीवीपैट पर्चियों और ईवीएम का मिलान किया गया है और नतीजे सही आए हैं।

Related Posts