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डॉक्टर के निष्कासन के मामले को सुलझाएं निगम आयुक्त 

डॉक्टर के निष्कासन के मामले को सुलझाएं निगम आयुक्त 

नई दिल्ली । उत्तरी दिल्ली नगर निगम के हिंदूराव अस्पताल में डॉक्टर के निष्कासन का मामला गरमा गया। एम्स सहित कई अस्पतालों के डॉक्टरों ने विरोध जताया है। वहीं, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन की ओर से डॉक्टर की तत्काल बहाली की मांग हुई है। डॉ.हर्षवर्धन ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा कि निष्कासित डॉक्टर से बात करने और मामले को सुलझाने के निर्देश निगम आयुक्त को दिए हैं। निगम की ओर से डॉक्टर का निष्कासन रद्द किया जा सकता है। दरअसल, अस्पताल प्रबंधन ने एक दिन पहले डॉक्टर को निष्कासित करने का आदेश दिया था। हालांकि, निष्कासन पत्र में वजह स्पष्ट नहीं की गई थी।;
दिल्ली एम्स रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिख कहा कि डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई पूरी तरह से गलत है। सोशल मीडिया पर डॉक्टर के खिलाफ किए गए शब्दों के प्रयोग पर भी सवाल खड़े किए हैं। डॉक्टरों का ये भी कहना है कि सोशल मीडिया पर निगम आयुक्त ने डॉक्टर के खिलाफ गलत शब्दों का प्रयोग किया है। इसे लेकर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।; दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में डॉक्टर का निष्कासन तत्काल रोकने की मांग की है। पत्र में साफ लिखा है कि इस वक्त पूरा देश महामारी से जूझ रहा है। अगर कोई डॉक्टर सुरक्षा उपकरण बांट रहा है तो इसमें गलत ही क्या है? इस तरह का आदेश डॉक्टर को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है।; निष्कासित डॉ. पीयूष अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के महासचिव भी हैं। उनका कहना है कि कुछ समय पहले अस्पताल की छत से पानी टपकने का वीडियो वायरल हुआ था। उस दौरान भी उन्हें नोटिस दिया है। अभी कोरोना से बचाव को लेकर एक एनजीओ की मदद से उन्हें कुछ सुरक्षा उपकरण मिले थे जिन्हें उन्होंने मुफ्त में ही अपने साथियों को बांट दिए। इसमें फेस शील्ड थीं जिनके जरिए डॉक्टर, नर्स या अन्य स्टाफ अपना बचाव कर सकते हैं।; कुछ किट बचने के कारण उन्हें वे अगले दिन अपने साथियों को देना चाहते थे लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें फेस शील्ड जमा कराने के लिए कहा। उस दिन वे शाम को अस्पताल नहीं जा पाए थे। अगले दिन उन्होंने किट्स का वितरण किया तो उन्हें नोटिस दे दिया। डॉ. पीयूष का कहना है कि वे सिर्फ अपनी और अन्य साथियों के बचाव के लिए ऐसा कर रहे थे। इसमें कोई अपराध भी नहीं है।;
 

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