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लाॅक डाउन नहीं होता तो स्थिति भयावह हो जाती: सीएम केजरीवाल

लाॅक डाउन नहीं होता तो स्थिति भयावह हो जाती: सीएम केजरीवाल

नई दिल्ली । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में अभी तक कुल 1893 केस हैं। करीब 1900 केस में 26 लोग आईसीयू में हैं और 6 लोग वेंटिलेटर पर हैं। अब तक करीब 43 लोगों की मौत हो चुकी है। आप स्वयं सोचिए कि यदि लाॅक डाउन नहीं होता, तब क्या हालात होती? दूसरे देशों को जो हाल है, भगवान न करें कि वैसा अपने देश में हो। आप मान लीजिए कि 3 हजार या 2.5 हजार लोगों को आईसीयू की जरूरत पड़ जाती, तो हमारे पास इतने आईसीयू और वेंटिलेटर भी नहीं है। इटली, स्पेन और अमेरिका में यही देखने को मिल रहा है कि वहां आईसीयू व वेंटिलेटर कम पड़ गए। अस्पताल की व्यवस्थाएं कम पड़ गईं। लोग सड़कों पर और अस्पताल के बाहर पड़े हुए हैं और उन्हें इलाज नहीं मिल पा रहा है। अगर लाॅक डाउन नहीं होता, तो हमारे यहां भी स्थिति ऐसी हो सकती थी। लाॅक डाउन की वजह से फिलहाल केसेज कम हैं। 
सीएम केजरीवाल ने कहा कि आज दिल्ली में पूरे देश की 2 प्रतिशत जनसंख्या रहती है। लेकिन पूरे देश में जितने कोरोना के मामले हैं, उसका 12 प्रति कोरोना के मामले दिल्ली में है। क्योंकि दिल्ली देश की राजधानी है। इसीलिए कोरोना की सबसे मुश्किल लड़ाई इस समय दिल्ली लड़ रही है। पिछले दो-ढाई महीने से जितने लोग विदेशों से आए, वहीं लोग वहां से कोरोना लेकर आए। अपने देश में पहले कोरोना नहीं था। विदेशों से सबसे ज्यादा लोग दिल्ली में आए। क्योंकि दिल्ली देश की राजधानी है और यहां अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट है। इसके अलावा और भी राज्यों में एयरपोर्ट हैं, लेकिन सबसे ज्यादा लोग दिल्ली में आए। उनको हमने क्वारंटीन में रखा, लेकिन शुरूआत में उन्हें क्वारंटीन में नहीं रखा था। बाद में गाइड लाइंस आई थी, तब क्वारंटीन में रखा गया। इसलिए सबसे ज्यादा मार दिल्ली को बर्दाश्त करनी पड़ी। मरकज कांड का भी सबसे अधिक मार दिल्ली को बर्दाश्त करनी पड़ी।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि आज हमें फैसला लेना है कि 20 अप्रैल से कुछ ढीलाई देनी है या नहीं देनी है। मैं भी ढीलाई देने के पक्ष में हूं, क्योंकि सख्ती बड़ी मुष्किल हो जाती है। कैसे लोगों का गुजारा और रोजी-रोटी चलेगी। कैसे लोगों का घर चलेगा, लोग बहुत मुश्किल में हैं। बच्चों के स्कूल बंद हैं। मैं भी ढीलाई देना चाहता हूं और ढीलाई देना बहुत आसान है। यदि ढीलाई दे दी और स्थिति बहुत खराब हो गई, उसके बाद अस्पताल के आईसीयू, वेंटिलेटर, बेड या आॅक्सीजन कम पड़ गई और पता नहीं कितनी जानें चली गई, तो हम कभी अपने आप को माफ नहीं कर पाएंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए मुझे लगता है कि अभी हमें थोड़ा और संयम बरतने की जरूरत है। हमने अपने दिल्ली वासियों और सबकी सेहत का ख्याल रखते हुए फैसला लिया है कि फिलहाल लाॅक डाउन की शर्तों में कोई ढीलाई नहीं दी जाएगी। एक सप्ताह के बाद फिर से हम सभी विशेषज्ञों के साथ बैठ कर इस पर दोबारा आंकलन करेंगे और जरूरत पड़ी, तो उसके बाद कुछ ढीलाई दे सकते हैं, लेकिन फिलहाल दिल्ली में किसी तरह की कोई ढीलाई नहीं दी जा रही है।
 

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