नई दिल्ली । कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए घोषित किए लॉकडाउन की वजह से स्टूडेंट्स किराये के मकानों, पीजी और हॉस्टल्स में रहने को मजबूर हैं। लॉकडाउन में परिवार की आमदनी कम हो जाने की वजह से इन स्टूडेंट्स को किराया देने में बेहद मुश्किल हो रही है। दिल्ली के मुखर्जी नगर, नेहरु विहार, गांधी विहार, कटवरिया सराय, बेर सराय जैसे इलाकों में रह रहे ये युवा रूम छोड़कर अपने घर भी नहीं लौट सकते क्योंकि लॉकडाउन है।
केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार ने मकान मालिकों से कहा कि वह फिलहाल स्टूडेंट्स, कामगारों व श्रमिकों से किराया न मांगे। सरकार ने कहा कि अगर ऐसी शिकायत मिलती है कि मकान मालिक घर खाली करने के लिए बोल रहा है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस चेतावनी के बावजूद भी छात्रों से किराया मांगा जा रहा है। दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के छात्र मयंक यादव का कहना है कि मुझे अप्रैल का किराया देना पड़ा। मैंने मकान मालिक से आग्रह किया था कि वह 1 माह का किराया न लें। लेकिन उन्होंने साफ इनकार किया गया। अगर इस बात का इश्यू बनाता तो वह मुझे घर से बाहर निकाल देंगे और इस दौरान दूसरा रूम तलाशना नामुमकिन है। मेरे खर्चे और किराये के लिए घरवाले पैसे भेजते हैं लेकिन इन दिनों उनके लिए भी पैसे भेजना मुश्किल हो रहा है।
दिल्ली में यूपीएससी सिविस सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे चॉन बेनो का कहना है कि मुझे कई बार अप्रैल का किराया देने के लिए कहा गया और मजबूरन मुझे देना पड़ा। लॉकडाउन के बाद मेरे पीजी में कुछ भी नहीं बदला, सब कुछ पहले जैसा ही है। हम सभी को पहले की तरह ही किराया देना पड़ा रहा है। इतना ही नहीं ऐसे छात्र जो अपने घर गए हुए हैं, उनके मकान मालिक भी उनसे फोन करके किराया मांग रहे हैं। डीयू के शहीद भगत सिंह कॉलेज में पढ़ाई कर रहे सूरजकांता साइखोम इन दिनों मणिपुर में हैं। उन्होंने कहा कि मुझे दिल्ली से मेरे मकान मालिक दिन में दो-दो बार फोन कर किराया मांग रहे हैं। मैंने 20 मार्च को दिल्ली छोड़ दी थी और मैंने 28 मार्च को अपना किराया दे दिया था। मैं वहां रह भी नहीं रहा और मुझसे किराया मांगा जा रहा है।
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यूपीएससी अभ्यर्थी और डीयू छात्र बोले, मकान मालिक पहले की तरह ले रहे किराया