मुंबई । महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर राजभवन में कैद होकर रह गई है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधान परिषद का सदस्य मनोनीत करने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल की अनुशंसा पर राज्यपाल को भेजा गया था। राज्यपाल ने अभी तक इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया।
इस मामले की एक याचिका मुंबई हाई कोर्ट में दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने इस मामले मे दखल करने से इंकार कर दिया है। जिसके कारण अब एक बार फिर मुख्यमंत्री को विधान परिषद का सदस्य मनोनीत करने का मामला राजभवन की मोटी दीवारों के अंदर पहुंच गया है। अब देखना यह है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी मंत्रिमंडल की सलाह को मानते हुए उन्हें एमएलसी मनोनीत करते हैं या नहीं। उद्धव ठाकरे को एमएलसी मनोनीत नहीं किया गया, तो लगभग डेढ़ माह के अंदर उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है।
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उद्धव ठाकरे को विधान परिषद का सदस्य मनोनीत मामले में हाईकोर्ट ने पल्ला झाड़ा