नई दिल्ली । कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन लागू है, जिसके कारण बाजार लगभग बंद है। कारोबार ठप होने की वजह से सरकार के राजस्व पर भी असर पड़ रहा है। राज्य का खजाना खाली हो गया है। इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार से शराब की दुकानें खोलने की इजाजत मांगी है।
इन दुकानों को फेज़ दर फेज़ खोलने की अपील की गई है। गौरतलब है कि राज्य सरकारों का अधिकतर रेवेन्यू शराब पर लगने वाले वैट और एक्साइज़ से ही आता है। ऐसे में पंजाब सरकार ने अब लॉकडाउन के चलते हुए नुकसान की भरपाई शुरू करने का फैसला लिया है।
हालांकि, अब तक केंद्र सरकार की ओर से जारी किसी भी गाइडलाइन्स में शराब की दुकानों को छूट देने की बात नहीं की गई है। जबकि शराब, गुटखा और पान मसाला की बिक्री पर बैन लगाया गया है। पंजाब से पहले कई अन्य राज्यों की ओर से भी इस तरह की अपील की जा चुकी है। उल्लेखनीय है पंजाब सरकार ने बीते दिन खर्च पर कैंची चलाते हुए कड़ा फैसला लिया। राज्य सरकार ने सभी मंत्रालयों में होने वाले पेट्रोलियम प्रोडक्ट पर खर्च पर 25 फीसदी की कटौती की है। हालांकि, इनमें से स्वास्थ्य मंत्रालय, मेडिकल एजुकेशन, पुलिस, कृषि से जुड़े डिपार्टमेंट को अलग रखा गया है। क्योंकि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ये सबसे अधिक काम कर रहे हैं।
लंबे समय से जारी लॉकडाउन की वजह से सरकार के रेवेन्यू पर असर पड़ा है और धीरे-धीरे अब एग्जिट स्ट्रेटजी पर काम किया जा रहा है। पंजाब सरकार ने 20 अप्रैल से लॉकडाउन में दी जा रही छूट को भी इजाजत नहीं दी थी, सिर्फ खेती से जुड़े क्षेत्र में कुछ राहत दी गई थी। पंजाब सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय अब कोरोना वायरस के खिलाफ जारी लड़ाई में खर्च किए जाने वाले बजट पर रिपोर्ट तैयार करेगा। ये रिपोर्ट जून तक होने वाले खर्च के आधार पर तैयार की जाएगी।
रीजनल नार्थ
लॉकडाउन ने खाली किया खजाना, शराब की बिक्री शुरू करने की इजाजत दे केंद्र : अमरिंदर