नई दिल्ली । चीन निर्मित रैपिड किट टेस्ट के नतीजों पर राजस्थान सरकार द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद केंद्र सरकार ने देश में इसके इस्तेमाल पर दो दिन के लिए रोक लगा दी है। राजस्थान सरकार के रैपिड टेस्ट के नतीजे पर सवाल उठाते हुए रोक लगा दी है। जबकि, हरियाणा सरकार ने चीन को दिया गया आर्डर कैंसिल कर दिया है। इस बीच, चीन निर्मित कोरोना रैपिड टेस्ट किट की गुणवत्ता और कीमत पर उठ रहे सवालों पर चीन ने सफाई दी है। भारत स्थित चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा है कि चीन निर्यात किए गए चिकित्सा उत्पादों की गुणवत्ता को लेकर बहुत गंभीर है। उन्होंने कहा कि संबंधित भारतीय एजेंसी के साथ हम संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि उनकी शिकायत दूर करना हमारी व्यावसायिक प्रतिबद्धता है।
दरअसल, केंद्र सरकार ने रैपिड किट टेस्ट पर देशभर में दो दिन के लिए रोक लगा दी है। राजस्थान सरकार के रैपिड टेस्ट के नतीजे पर सवाल उठाते हुए रोक लगा दी है। हरियाणा सरकार ने चीन को दिया गया आर्डर कैंसिल कर दिया है। क्योंकि चीन से आयात की जाने वाली किट की कीमत दक्षिण कोरियाई किट के मुकाबले दो गुनी है। अब केंद्रीय टीमें इस टेस्ट के नतीजों की गंभीरता से जांच करेगी उसके बाद ही अगले कदम का ऐलान किया जाएगा।
केंद्र सरकार को रैपिड टेस्ट पर दो दिन का ब्रेक इसलिए लगाना पड़ा, क्योंकि राजस्थान सरकार ने इसके नतीजों पर सवाल उठा दिए। जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती 168 कोरोना मरीजों का रैपिड टेस्ट किया गया, लेकिन सिर्फ 5 फीसदी मरीज ही टेस्ट में पॉजिटिव मिले। इसके बाद गहलोत सरकार ने प्रदेश में रैपिड टेस्ट करने पर रोक लगा दी।
133 करोड़ की आबादी वाले हिंदुस्तान में कोरोना जांच के लिए रैपिड टेस्ट को गेमचेंजर माना जा रहा था, लेकिन टेस्ट के इस मेथड़ के नतीजों पर सवाल उठने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर ने दो दिन के लिए रैपिड टेस्ट पर रोक लगा दी है। इन दो दिनों में केंद्र की विशेषज्ञ टीमें रैपिट टेस्ट किट की जांच करेंगी।
अबतक देश के तमाम राज्यों में लाखों रैपिड टेस्ट किट बांटी जा चुकी है। दिल्ली को 42,000 किट दिए गए हैं। राजस्थान के पास भी 10 हजार किट पहुंच चुके हैं। उत्तर प्रदेश के पास 8500 रैपिड टेस्टिंग किट है। पंजाब और गुजरात के पास क्रमश: 10 हजार 100 और 24 हजार किट भेजे गए हैं। इस टेस्ट में उंगली से खून की एक- दो बूंदे निकाली जाती हैं। फिर किट में डालकर एंटीबॉडी टेस्ट किया जाता है। अगर इंसान के शरीर में कोरोना या किसी और वायरस का इंफेक्शन है तो एंटीबॉडी टेस्ट पॉजिटिव आता है। हालांकि उस व्यक्ति को कोरोना का ही इंफेक्शन है इसके लिए फिर आगे टेस्ट करने की जरूरत पड़ती है। इसे रैपिड टेस्ट इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसके नतीजे 15 से 20 मिनट में ही आ जाते हैं।
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राजस्थान की शिकायत पर चीन निर्मित रैपिड टेस्ट किट पर केंद्र ने लगाई दो दिन की रोक, जांच में जुटे विशेषज्ञ